क्या इन्फोसिस के बायबैक ऐलान के बाद शेयर में 4 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई?

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क्या इन्फोसिस के बायबैक ऐलान के बाद शेयर में 4 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई?

सारांश

इन्फोसिस ने अपने शेयर बायबैक की घोषणा की है, जिससे उसके शेयरों में 4 प्रतिशत से अधिक का उछाल आया है। यह निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। क्या आप जानना चाहते हैं कि इस बायबैक का इन्फोसिस के भविष्य पर क्या असर होगा?

Key Takeaways

  • इन्फोसिस ने 4 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है।
  • कंपनी का बायबैक 13,560 करोड़ रुपए का होगा।
  • बायबैक से प्रति शेयर आय (EPS) में वृद्धि हो सकती है।
  • 50 विश्लेषकों में से 35 ने इसे 'खरीदें' रेटिंग दी है।
  • इन्फोसिस का यह बायबैक पांचवां होगा।

नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आईटी की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस का शेयर मंगलवार को 4 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखने को मिली। इसका कारण कंपनी द्वारा इक्विटी शेयर बायबैक का ऐलान करना है, जो कि 11 सितंबर को होगा।

इन्फोसिस का शेयर दोपहर 1:33 बजे 4.64 प्रतिशत या 66.40 रुपए के इजाफे के साथ 1,499.30 पर पहुंच गया। हालांकि, पिछले पांच कारोबारी सत्रों में शेयर का प्रदर्शन स्थिर रहा है।

कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस दिग्गज आईटी कंपनी ने बायबैक पर 13,560 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है और इक्विटी शेयर की बायबैक कीमत बाजार भाव से 25 प्रतिशत अधिक हो सकती है।

यदि इस बायबैक को मंजूरी मिल जाती है, तो यह इन्फोसिस द्वारा किया जाने वाला पाँचवां इक्विटी बायबैक होगा। कंपनी ने अपना पहला शेयर बायबैक 2017 में किया था, जिसका मूल्य 13,000 करोड़ रुपए था। इन्फोसिस का अंतिम बायबैक 2022 में हुआ था, जब उसने 1,850 रुपए प्रति शेयर के भाव पर 9,300 करोड़ रुपए के शेयर वापस खरीदे थे।

वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में आईटी दिग्गज के पास 45,200 करोड़ रुपए की नकदी उपलब्ध थी, जबकि इसकी नेट वर्थ 95,350 करोड़ रुपये रही।

कारोबारी सत्र में इन्फोसिस निफ्टी में सबसे अधिक बढ़ने वाला शेयर है। इसके साथ ही, यह निफ्टी आईटी में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जहाँ आईटी इंडेक्स 1.7 प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है।

कई रिपोर्टों के अनुसार, इन्फोसिस पर नजर रखने वाले 50 विश्लेषकों में से 35 ने इसे 'खरीदें' रेटिंग दी है, 13 ने इसे 'होल्ड' करने की सिफारिश की है और दो ने इसे 'बेचें' की सलाह दी है।

शेयर बायबैक या पुनर्खरीद से बकाया शेयरों की संख्या कम हो जाती है और प्रति शेयर आय (ईपीएस) बढ़ जाती है क्योंकि बायबैक के बाद कंपनी का लाभ कम शेयरों में वितरित किया जाता है। उच्च ईपीएस से शेयरों का मूल्यांकन बेहतर हो सकता है और कंपनी में नए निवेशक आकर्षित हो सकते हैं।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि इन्फोसिस का यह बायबैक ऐलान न केवल निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की स्थिरता और विकास का भी संकेत देता है। हम सभी को इस पर ध्यान देना चाहिए और इसके संभावित प्रभावों का विश्लेषण करना चाहिए।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

इन्फोसिस का शेयर बायबैक क्या है?
इन्फोसिस का शेयर बायबैक एक प्रक्रिया है जिसमें कंपनी अपने बकाया शेयरों को वापस खरीदती है।
बायबैक का निवेशकों पर क्या असर पड़ता है?
बायबैक से शेयरों की संख्या कम हो जाती है, जिससे प्रति शेयर आय (EPS) बढ़ती है और शेयरों का मूल्यांकन बेहतर हो सकता है।
इन्फोसिस के बायबैक की कुल राशि क्या है?
कंपनी का बायबैक 13,560 करोड़ रुपए का होगा।
क्या शेयर बायबैक से निवेशकों को लाभ होता है?
हां, शेयर बायबैक से निवेशकों को लाभ हो सकता है क्योंकि यह शेयरों के मूल्य को बढ़ाने में मदद करता है।
इन्फोसिस का शेयर कब बायबैक होगा?
इन्फोसिस का शेयर बायबैक 11 सितंबर को होगा।