क्या केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बायोमास-बेस्ड हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट्स के लिए 100 करोड़ रुपए की योजना की घोषणा की?

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क्या केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बायोमास-बेस्ड हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट्स के लिए 100 करोड़ रुपए की योजना की घोषणा की?

सारांश

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 100 करोड़ रुपए की योजना की घोषणा की है, जो बायोमास से हाइड्रोजन उत्पादन पर केंद्रित है। यह योजना ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में नवीनतम तकनीकों को प्रोत्साहित करेगी और भारत को स्वच्छ ऊर्जा में एक नई दिशा देगी।

Key Takeaways

  • 100 करोड़ रुपये की योजना बायोमास आधारित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए है।
  • एनजीएचएम भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का वैश्विक हब बनाने में मदद करेगा।
  • हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 8.62 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष प्रोत्साहन दिया गया है।
  • केंद्रीय मंत्री ने ग्रीन स्टील परियोजनाओं के लिए 132 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
  • 43 हाइड्रोजन कौशल योग्यताओं को मंजूरी दी गई है।

नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) भारत में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को गति दे रहा है, रोजगार को बढ़ावा दे रहा है, निवेश आकर्षित कर रहा है और भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का वैश्विक हब बनाने की दिशा में अग्रसर है।

केंद्रीय मंत्री जोशी ने ग्रीन हाइड्रोजन पर तीसरे इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस (आईसीजीएच 2025) में (एनजीएचएम) का आधिकारिक लोगो लॉन्च किया। इसके साथ ही, उन्होंने बायोमास और अपशिष्ट पदार्थों से हरित हाइड्रोजन उत्पादन के उद्देश्य से नवोन्मेषी तकनीक के विकास के लिए पायलट परियोजनाओं हेतु 100 करोड़ रुपए के प्रस्ताव आमंत्रण की घोषणा की।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि नया एनजीएचएम लोगो देशभर से प्राप्त 2,500 से अधिक प्रविष्टियों में से चुना गया है, जो भारत की हरित यात्रा में जनभागीदारी और मिशन को आगे बढ़ाने वाली सामूहिक भावना को दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा, "2023 में 19,744 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ शुरू किया गया एनजीएचएम न केवल एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, बल्कि कठिन क्षेत्रों को कार्बन मुक्त करने का एक वैश्विक समाधान भी है।"

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि घरेलू इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण के लिए 3,000 मेगावाट प्रति वर्ष और हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 8.62 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं। इसी के साथ, भारत अब 7.24 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष उत्पादन के लिए 49.75 रुपए प्रति किलोग्राम के साथ दुनिया में सबसे कम हरित अमोनिया मूल्य दर्ज कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रीन स्टील के लिए पांच पायलट परियोजनाओं में 132 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है, और 37 हाइड्रोजन-ईंधन वाले वाहनों और नौ ईंधन भरने वाले स्टेशनों के लिए 208 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री जोशी के अनुसार, देश रिन्यूएबल एनर्जी के जरिए संपूर्ण हरित हाइड्रोजन उत्पादन को संचालित करने के लिए कार्य कर रहा है।

उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन से संबंधित 43 कौशल योग्यताओं को मंजूरी दी जा चुकी है, और 6,300 से अधिक प्रशिक्षुओं को प्रमाणित किया गया है।

Point of View

बल्कि स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक मजबूत आधार भी तैयार करेगी।
NationPress
11/11/2025

Frequently Asked Questions

एनजीएचएम का उद्देश्य क्या है?
एनजीएचएम का उद्देश्य भारत में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को तेज करना और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाना है।
100 करोड़ रुपये की योजना का क्या महत्व है?
यह योजना बायोमास से हाइड्रोजन उत्पादन में नवीनतम तकनीकों को लागू करने में मदद करेगी।
हाइड्रोजन उत्पादन के लिए भारत की क्या तैयारी है?
भारत ने घरेलू इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण और हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण प्रोत्साहन दिए हैं।
ग्रीन स्टील परियोजनाओं के लिए कितना निवेश किया गया है?
ग्रीन स्टील के लिए पांच पायलट परियोजनाओं में 132 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
इस योजना से रोजगार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस योजना से रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और प्रशिक्षुओं को कौशल प्रदान किया जाएगा।