क्या छोटे बिजनेस को बड़ा बूस्ट मिला? क्रेडिट एक्सपोजर 16 प्रतिशत बढ़कर 46 लाख करोड़ रुपए हुआ

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क्या छोटे बिजनेस को बड़ा बूस्ट मिला? क्रेडिट एक्सपोजर 16 प्रतिशत बढ़कर 46 लाख करोड़ रुपए हुआ

सारांश

छोटे व्यवसायों को मिले इस नए क्रेडिट एक्सपोजर के आंकड़े ने सभी को चौंका दिया है। क्या यह एमएसएमई के लिए एक नया युग शुरू कर रहा है? जानिए विस्तार से इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • क्रेडिट एक्सपोजर 16.2 प्रतिशत बढ़ा है।
  • 46 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
  • सक्रिय लोन खातों में 11.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • एकल स्वामित्व वाले व्यवसायों ने 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
  • महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य हैं।

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छोटे बिजनेस को क्रेडिट एक्सपोजर सालाना आधार पर 16.2 प्रतिशत बढ़कर 46 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में दी गई।

सीआरआईएफ हाई मार्क और सिडबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतिगत उपायों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए सरकारी लोन योजनाओं के समर्थन से सक्रिय लोन खातों में 11.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह संख्या 7.3 करोड़ तक पहुंच गई है।

रिपोर्ट में पाया गया कि 5 करोड़ रुपए तक के लोन वाले व्यवसायों में औपचारिकीकरण तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें सितंबर 2025 तक लोन लेने वाले 23.3 प्रतिशत उधारकर्ता नए थे, जबकि उद्यमों के लिए यह आंकड़ा 12 प्रतिशत पर था।

रिपोर्ट में बताया गया कि छोटे व्यवसायों के लिए लोन व्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है और इसमें सुधार हो रहा है। लोन पोर्टफोलियो का विस्तार जारी है और औपचारिकीकरण धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, जिसमें अधिक लेंडर्स सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं, जबकि परिसंपत्ति की गुणवत्ता भी अच्छी बनी हुई है।

एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय इस व्यवस्था में अपना दबदबा बनाए हुए हैं, जो लगभग 80 प्रतिशत लोन और लगभग 90 प्रतिशत उधारकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। सबसे तेजी से बढ़ने वाला वर्ग - एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय - ने 20 प्रतिशत की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की, जो मुख्य रूप से संपत्ति को गिरवी रखकर लिए गए लोन से प्रेरित है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "निजी बैंक उद्यम को लोन देने में अग्रणी बने हुए हैं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का स्थान उनके बाद आता है। नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (एनबीएफसी) अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ा रही हैं। अब एमएसएमई को दिए गए लोन में उनकी हिस्सेदारी 41 प्रतिशत से अधिक है।"

कार्यशील पूंजी लोन कुल बकाया लोन का लगभग 57 प्रतिशत है, जबकि टर्म लोन पूंजीगत व्यय को समर्थन देना जारी रखे हुए हैं।

सीआरआईएफ हाई मार्क के अध्यक्ष और सीआरआईएफ इंडिया और दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय प्रबंध निदेशक सचिन सेठ ने कहा, "सितंबर 2025 तक उधारकर्ताओं के कुल आधार का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा एकल स्वामित्व वाले व्यवसायों का है, जो भारत के लघु व्यवसाय ऋण तंत्र का आधार बने हुए हैं। लघु व्यवसायों के विस्तार के साथ-साथ ऋण का विस्तार और क्रमिक औपचारिकीकरण भी समानांतर रूप से आगे बढ़ रहा है।"

रिपोर्ट में बताया गया कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और गुजरात समग्र पोर्टफोलियो आकार में अग्रणी हैं। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पूर्ण लोन जोखिम में सबसे आगे है, जबकि सेवा क्षेत्र में वार्षिक आधार पर 19.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

Point of View

NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

छोटे व्यवसायों का क्रेडिट एक्सपोजर क्यों बढ़ा?
नीतिगत उपायों और सरकारी लोन योजनाओं के कारण छोटे व्यवसायों का क्रेडिट एक्सपोजर बढ़ा है।
कौन से राज्य शीर्ष पर हैं?
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और गुजरात अग्रणी राज्यों में शामिल हैं।
एकल स्वामित्व वाले व्यवसायों का लोन में क्या योगदान है?
एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय लगभग 80 प्रतिशत लोन का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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