क्या मेक इन इंडिया बूस्टर: इजमोमाइक्रो ने नेक्स्ट-जेन सेमीकंडक्टर तकनीक विकसित की?

सारांश
Key Takeaways
- इजमोमाइक्रो ने हाई-डेंसिटी सिलिकॉन फोटोनिक्स पैकेजिंग प्लेटफॉर्म का विकास किया।
- कंपनी के शेयरों में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- यह तकनीक एआई और 5जी नेटवर्क के लिए महत्वपूर्ण है।
- भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स 2025 तक उपलब्ध होंगे।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4,600 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी।
नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ऑटोमोटिव रिटेलिंग सॉल्यूशन प्रदाता इजमो का विशेष प्रभाग, इजमोमाइक्रो ने एक हाई-डेंसिटी वाले सिलिकॉन फोटोनिक्स पैकेजिंग प्लेटफॉर्म का विकास किया है, जिसके परिणामस्वरूप शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में 20 प्रतिशत का अपर सर्किट लग गया।
इस उपलब्धि के साथ, कंपनी ने नेक्स्ट-जेनरेशन सेमीकंडक्टर तकनीक में भारत की एंट्री की है। इसके चलते, कंपनी के शेयर इंट्रा-डे ट्रेड के दौरान 97.90 रुपए बढ़कर 587.55 रुपए के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गए।
बेंगलुरु स्थित कंपनी ने बताया कि यह नवाचार एआई, क्लाउड कंप्यूटिंग और भविष्य के टेलीकॉम नेटवर्क को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। यह प्रगति हाइपरस्केल डेटा सेंटर, एआई क्लस्टर और नेक्स्ट जनरेशन 5जी और 6G नेटवर्क के लिए मापनीयता और दक्षता का समर्थन करती है।
कंपनी ने एक हाई-डेंसिटी वाला सिलिकॉन फोटोनिक्स पैकेजिंग प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जो 32-चैनल फाइबर इनपुट और आउटपुट को सपोर्ट करता है, जिससे उद्योग में अग्रणी 2 डीबी से कम का इंसर्शन लॉस प्राप्त होता है।
इजमोमाइक्रो ने अपनी नियामक फाइलिंग में कहा कि यह मॉड्यूल 32 डीसी इनपुट/आउटपुट और 4 आरएफ इनपुट/आउटपुट को इंटीग्रेट करता है और 70 गीगाहर्ट्ज तक उच्च-गति आरएफ प्रदर्शन प्रदान करता है।
इजमोमाइक्रो के कार्यकारी निदेशक दीनानाथ सोनी ने कहा, "दुनिया भर में केवल कुछ ही कंपनियों ने इस क्षमता का प्रदर्शन किया है और हमें भारत में ऐसा करने वाली पहली कंपनी होने पर गर्व है। यह सफलता हमें ग्लोबल सिलिकॉन फोटोनिक्स उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में स्थापित करती है।"
सिलिकॉन फोटोनिक्स उच्च गति डेटा ट्रांसमिशन के लिए कॉपर इंटरकनेक्ट्स की जगह ले रहा है और मल्टी-टेराबिट ऑप्टिकल संचार के लिए प्रमुख तकनीक बन रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने 79वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में घोषणा की थी कि 2025 के अंत तक बाजार में भारत निर्मित सेमीकंडक्टर चिप्स उपलब्ध होंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस सप्ताह 4,600 करोड़ रुपए की चार सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी। ओडिशा को दो और आंध्र प्रदेश और पंजाब को एक-एक नई परियोजनाएं मिलेंगी। नई स्वीकृतियों के बाद, छह राज्यों में भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) द्वारा स्वीकृत दस परियोजनाएं हो गई हैं।