क्या भारत की जीडीपी अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लंबे समय तक अच्छा प्रदर्शन करेगी? : कैलाश कुलकर्णी

सारांश
Key Takeaways
- भारत की अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है।
- सरकारी नीतियाँ सहायता कर रही हैं।
- एसआईपी में निवेश का ट्रेंड बढ़ रहा है।
- लंबी अवधि के निवेश में फायदा है।
- टियर 3 और 4 शहरों में एसआईपी की ग्रोथ तेज है।
नई दिल्ली, ८ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत की अर्थव्यवस्था का बुनियाद मजबूत है और यह लंबे समय तक अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अच्छा प्रदर्शन करेगी। यह बयान एचएसबीसी म्यूचुअल फंड के सीईओ कैलाश कुलकर्णी द्वारा मंगलवार को दिया गया।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत करते हुए कैलाश कुलकर्णी ने कहा, "हमारा मानना है कि लंबी अवधि में भारत की अर्थव्यवस्था काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी। वर्तमान में भी भारत लगातार अन्य अर्थव्यवस्थाओं से उच्च प्रदर्शन कर रहा है और यह ट्रेंड लंबे समय तक जारी रहेगा।"
उन्होंने आगे कहा कि सरकार कई योजनाओं को विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग और डिजिटाइजेशन को समर्थन
एचएसबीसी म्यूचुअल फंड के सीईओ ने आगे कहा, "देश में प्रति व्यक्ति आय तेजी से बढ़ रही है। वहीं, सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे रही है। इस कारण आने वाले वर्षो में कंज्यूमर, फाइनेंशियल, कैपिटल गुड्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर तेज वृद्धि दिखा सकते हैं।"
म्यूचुअल फंड एसआईपी के ऑल-टाइम हाई होने पर कुलकर्णी ने कहा, "आठ से दस साल पहले एसआईपी लोगों को बेचना पड़ता था, लेकिन अब समय बदल गया है, लोग एसआईपी (सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) के जरिए स्वयं निवेश करना चाहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "लोग समझ गए हैं कि अगर लंबी अवधि के नजरिए से छोटी राशि से अनुशासन के साथ निवेश किया जाए, तो वह आगे बढ़ सकते हैं।"
कुलकर्णी के अनुसार, एसआईपी का ट्रेंड आने वाले समय में और बढ़ेगा, क्योंकि टियर 3 और टियर 4 शहरों में एसआईपी की ग्रोथ रेट टियर 1 और 2 शहरों की अपेक्षा काफी अधिक है।
एम्फी के डेटा के अनुसार, एसआईपी इनफ्लो मई में २६,६८८ करोड़ रुपये पर था, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
वैश्विक अस्थिरता के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कुलकर्णी ने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब हमने अस्थिरता देखी है। हमारे पास पहले भी भू-राजनीतिक मुद्दे रहे हैं। २००८ में हमें वैश्विक वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था। उससे पहले, २००० में आईटी संकट आया था। इन सभी संकटों के दौरान भी बाजार में तनाव देखा गया।"
आगे कहा, "लेकिन जो व्यक्ति इस पूरी अस्थिरता के दौर में बाजार में टिका रहा और निवेशित रहा है, उसे वास्तव में बाजार से लाभ हुआ है। कुछ समय पहले हमने एक नोट निकाला था जिसमें दुनिया में हुई पिछली पाँच-छह घटनाओं को शामिल किया था और बताया था कि फिर तीन साल बाद बाजार कैसा था और आम तौर पर अगर कोई व्यक्ति निवेशित रहा या इस अशांत समय के दौरान एसआईपी के माध्यम से निवेश करना जारी रखा, तो उसे वास्तव में उस व्यक्ति की तुलना में कहीं अधिक लाभ होता, जिसने अस्थिरता के समय पैसे निकाल लिए थे।"