क्या दूसरी तिमाही के डेटा और भारत-अमेरिका ट्रेड डील शेयर बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे?

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क्या दूसरी तिमाही के डेटा और भारत-अमेरिका ट्रेड डील शेयर बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे?

सारांश

क्या भारतीय शेयर बाजार की दिशा अगले सप्ताह तय होगी? दूसरे तिमाही के जीडीपी डेटा और भारत-अमेरिका व्यापार डील पर नजर रखने का समय आ गया है। जानिए विश्लेषकों की राय और निवेशकों के लिए क्या है महत्वपूर्ण जानकारी।

Key Takeaways

  • दूसरी तिमाही का जीडीपी डेटा महत्वपूर्ण संकेत देगा।
  • भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर नजर रखना आवश्यक है।
  • बैंकिंग, ऑटो, और आईटी क्षेत्रों में निवेश का ध्यान रखें।
  • सपोर्ट स्तरों पर खरीदने की रणनीति अपनाएं।
  • रुपये के दबाव पर ध्यान दें।

मुंबई, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दूसरी तिमाही के जीडीपी डेटा, भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर नवीनतम अपडेट, और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियों से भारतीय शेयर बाजार का रुख अगले हफ्ते निर्धारित होगा।

विश्लेषकों के अनुसार, निवेशक अगले हफ्ते आईआईपी डेटा, वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के जीडीपी डेटा, और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के अजीत मिश्रा ने कहा, "मैक्रो संकेत मिश्रित हैं और वैश्विक रुख के कारण निवेशकों को एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी जाती है। निवेशक बैंकिंग, ऑटो, आईटी, और उपभोक्ता क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों में चयनात्मक दृष्टिकोण बनाए रख सकते हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि व्यापारियों को एक्सपायरी और महत्वपूर्ण मैक्रो डेटा के रिलीज़ के आसपास सतर्क रहना चाहिए, और केवल समर्थन स्तरों के निकट खरीदने की रणनीति अपनानी चाहिए।

चॉइस ब्रोकिंग की अमृता शिंदे के अनुसार, "अगर सूचकांक अपने प्रमुख मूविंग औसत जैसे 20-दिवसीय, 50-दिवसीय, और 200-दिवसीय ईएमए से ऊपर कारोबार करता है, तो यह एक महत्वपूर्ण तेजी का संकेत है।" जब तक यह इन स्तरों से ऊपर बना रहता है, बाजार का मनोबल मजबूत रहने की उम्मीद है।

भारतीय शेयर बाजार में तेजी बनी हुई है। पिछले हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी क्रमशः 0.50 प्रतिशत और 0.68 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 26,068 और 85,231 पर बंद हुए। यह वृद्धि कंपनियों द्वारा अच्छे तिमाही परिणामों और अमेरिका-भारत व्यापार डील में सकारात्मक प्रगति के कारण हुई।

इसके अलावा, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 क्रमशः 0.76 प्रतिशत और 2.2 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए।

हालांकि, अमेरिकी तकनीकी शेयरों में बिक्री के कारण भारत के आईटी शेयरों पर दबाव देखा गया है।

विश्लेषकों ने कहा, "यदि रुपये पर दबाव बना रहता है, तो बाजार में छोटी अवधि में मुनाफा वसूली हो सकती है। आने वाले समय में जीडीपी के आंकड़े और आईआईपी डेटा बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।"

Point of View

NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

दूसरी तिमाही के जीडीपी डेटा का क्या महत्व है?
दूसरी तिमाही का जीडीपी डेटा आर्थिक स्वास्थ्य का संकेत देता है और निवेशकों के निर्णयों को प्रभावित कर सकता है।
भारत-अमेरिका ट्रेड डील की स्थिति क्या है?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में प्रगति निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हो सकती है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों का क्या असर होता है?
एफआईआई की क्रियाएं बाजार की धारणा को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे शेयरों की मांग बढ़ सकती है।
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