क्या नए जीएसटी सुधार से आम आदमी के हाथ में बचेगा ज्यादा पैसा और इकोनॉमी को मिलेगा बूस्ट?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो किया गया है।
- आम आदमी की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा।
- हेल्थ सेक्टर के लिए जीएसटी शून्य किया गया है।
- छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी।
- इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा।
नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की प्रमुख उद्योग निकाय ने जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो करने के प्रस्ताव का स्वागत किया है। इसका असर आम आदमी के लिए लाभकारी साबित होगा, क्योंकि इससे उनकी जेब में पहले की तुलना में अधिक पैसा बचेगा।
पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष हेमन्त जैन ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा, "नए जीएसटी सुधार के साथ सरकार ने फेस्टिव सीजन में आम आदमी के हाथ में ज्यादा पैसा देकर उन्हें एक बड़ा तोहफा दिया है।"
उन्होंने आगे कहा कि हेल्थ सेक्टर के लिए जीएसटी सुधार एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आएंगे। व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को घटाकर जीरो कर दिया गया है। इसका सीधा फायदा आम आदमी को मिलेगा।
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर जैन ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के विजन 'आत्मनिर्भर भारत' को लेकर जीएसटी सुधार काफी महत्वपूर्ण हैं। ट्रंप टैरिफ के बाद इकोनॉमी को लेकर कुछ नई परेशानियां खड़ी हुई थीं, जिनका प्रभाव कई सेक्टर्स पर देखा जा रहा था। हालांकि, नए जीएसटी सुधार से भारत की ग्रोथ स्टोरी बढ़ेगी।"
जैन ने कहा कि जीएसटी सुधार का शेयर बाजार पर भी अच्छा प्रभाव देखने को मिलेगा। सरकार ने आम आदमी के लिए कई वस्तुओं का सस्ता कर दिया है, लेकिन लग्जरी आइटम्स को महंगा कर जीएसटी को बैलेंस करना जरूरी था।
जैन ने कहा कि ट्रंप टैरिफ की वजह से छोटे व्यापारी सबसे ज्यादा परेशान थे, ऐसे में जीएसटी सुधार एमएसएमई के लिए राहत भरे हैं। नए जीएसटी सुधार ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देंगे और टैक्स स्ट्रक्चर में भी सुधार होगा।
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के महासचिव मनीष सिंघल ने कहा, "यह आम आदमी के लिए काफी राहत भरा फैसला है। वस्तुओं के दाम घटने से आम आदमी का उपभोग बढ़ेगा, जिससे इंडस्ट्री का उत्पादन बढ़ेगा।"
उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में आम आदमी के लिए इंश्योरेंस लेना महंगा पड़ रहा था। नए जीएसटी सुधारों से इंश्योरेंस लेने वालों की संख्या बढ़ेगी और उम्मीद है कि कंपनियां अधिक प्रीमियम नहीं चार्ज करेंगी। यह केंद्र सरकार का एक सराहनीय कदम है।