क्या नैसकॉम ने भारत-यूके के टेक्नोलॉजी और व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए यूके फोरम लॉन्च किया?
सारांश
Key Takeaways
- नैसकॉम ने यूके फोरम लॉन्च किया।
- भारत और यूके के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- नवीनतम तकनीकों में को-इनोवेशन पर जोर दिया जाएगा।
- उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल नौकरियों का निर्माण होगा।
- पब्लिक सेक्टर में एआई का उपयोग बढ़ेगा।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नैसकॉम ने गुरुवार को भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच द्विपक्षीय टेक्नोलॉजी और व्यापार साझेदारी को सुदृढ़ करने के लिए अपने यूके फोरम की शुरुआत की।
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सरकारी प्रतिनिधि, उद्योग के नेता और भारत-यूके टेक्नोलॉजी कॉरिडोर के विशेष हितधारक शामिल हुए।
लॉन्च के अवसर पर यूके में भारत के उच्चायुक्त, विक्रम दोराईस्वामी ने कहा कि टेक्नोलॉजी सुरक्षा और रेजिलिएंस आधुनिक द्विपक्षीय साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
उन्होंने कहा, "भारत की टेक्नोलॉजी और डिजिटल क्षमताएँ नवाचार के लंबे समय से चले आ रहे संस्कृति में हैं, जो घरेलू और वैश्विक दोनों तरह की मांगों को पूरा करने में सक्षम हैं।"
नैसकॉम के अध्यक्ष राजेश नांबियार ने बताया, "भारत-यूके साझेदारी नवाचार, समावेश और प्रभाव के एक नए दशक की शुरुआत कर रही है। अगले दशक में को-इनोवेशन होना चाहिए, जहां भारत और यूके मिलकर एआई, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और नई टेक्नोलॉजी में समाधान डिजाइन और लागू करेंगे।"
नैसकॉम यूके फोरम का उद्देश्य निवेश और नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ उच्च मूल्य वाली डिजिटल नौकरियों के सृजन के साथ साझेदारी को मजबूत करना है। यह फोरम उद्योग के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार करेगा, जो दोनों देशों की सरकारों के साथ टेक्नोलॉजी को केंद्र में रखकर द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने का कार्य करेगा।
नैसकॉम यूके फोरम, टेक्नोलॉजी सुरक्षा पहल (टीएसआई) के अंतर्गत, दोनों देशों के बीच एआई सहयोग को आगे बढ़ाने में सहायक भूमिका निभाएगा, विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र में, जहां एआई अपनाने और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में भारत का अनुभव यूके को बड़े पैमाने पर नागरिक सेवाएं प्रदान करने में मदद कर सकता है।
यह फोरम एआई रेडीनेस, वर्कफोर्स अपस्किलिंग और एसएमई डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को सक्षम बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अलावा, यह दोनों देशों को लाभ पहुंचाते हुए जिम्मेदार एआई प्रथाएं और साझा नवाचार मॉडल को भी बढ़ावा देगा।
यह पहल एचसीएल टेक्नोलॉजीज, हेक्सावेयर, इंफोसिस, एलटीआईमाइंडट्री, मास्टेक, टेक महिंद्रा, टीसीएस और विप्रो जैसे प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियों के वरिष्ठ तकनीकी नेताओं को एक साथ लाती है।