क्या एनएसआईसी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को 43.89 करोड़ रुपए का लाभांश दिया?
सारांश
Key Takeaways
- एनएसआईसी ने केंद्र सरकार को 43.89 करोड़ रुपए का लाभांश दिया।
- केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने प्रयासों की सराहना की।
- इससे एमएसएमई के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- बैंकों के साथ एमओयू के माध्यम से क्रेडिट की उपलब्धता बढ़ेगी।
- यह कदम आर्थिक वृद्धि में सहायक होगा।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा मंगलवार को प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को 43.89 करोड़ रुपए का लाभांश सौंपा।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस अवसर पर इंटीग्रेटेड सपोर्ट सिस्टम के माध्यम से एमएसएमई को सशक्त बनाने में एनएसआईसी के प्रयासों की प्रशंसा की।
केंद्रीय मंत्री मांझी और डॉ. आचार्य ने उद्यम निर्माण और कौशल विकास को बढ़ावा देने में एनएसआईसी के निरंतर योगदान पर विश्वास व्यक्त किया।
इस लाभांश का चेक एनएसआईसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. सुभ्रांशु शेखर आचार्य ने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी और एमएसएमई मंत्रालय की राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे को मंत्रालय के सचिव एससीएल दास और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में भेंट किया।
डॉ. आचार्य ने एनएसआईसी की वित्तीय उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एनएसआईसी को 3,431 करोड़ रुपए का राजस्व और 146.30 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 15.60 प्रतिशत की वृद्धि है।
इससे पहले, एनएसआईसी ने कई प्राइवेट सेक्टर बैंकों के साथ एमओयू साइन किए थे, जिसका उद्देश्य सरकारी पीएसयू के एमएसएमई क्रेडिट सुविधा कार्यक्रम के तहत एमएसएमई के लिए क्रेडिट की उपलब्धता बढ़ाना था।
एनएसआईसी ने इंडसइंड बैंक, कर्नाटक बैंक, एक्सिस बैंक, धनलक्ष्मी बैंक और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ एमओयू साइन किए थे।
एक आधिकारिक बयान में जानकारी दी गई थी कि इसका उद्देश्य एमएसएमई के लिए क्रेडिट को अधिक किफायती और आसानी से उपलब्ध कराना है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और एमएसएमई के सचिव एस.सी.एल. दास की उपस्थिति बनी रही।
इस पार्टनरशिप का उद्देश्य एमएसएमई को आधिकारिक वित्तीय प्रणाली से जोड़ना और उन्हें हैंडहोल्डिंग सपोर्ट प्रदान करना था।
बयान के अनुसार, यह एमओयू बैंकों के अंतिम छोर तक पहुँचने के प्रयासों में एक फोर्स मल्टीप्लायर का काम करेगा और अधिक सक्षम माइक्रो और छोटे व्यवसायों तक पहुँचने में उनकी मदद करेगा।