क्या केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इजरायल में वर्ल्ड-क्लास मोबिलिटी टेक्नोलॉजी का अनुभव किया?
सारांश
Key Takeaways
- केंद्रीय मंत्री गोयल ने इजरायल में मोबिलिटी टेक्नोलॉजी का अनुभव लिया।
- किबुत्ज रमत राचेल का दौरा किया और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर की झलक देखी।
- मोबाइलआई के माध्यम से ऑटोनोमस ड्राइविंग की प्रगति का अवलोकन किया।
नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी इजरायल यात्रा के दौरान वर्ल्ड-क्लास मोबिलिटी टेक्नोलॉजी का अनुभव किया। इसके अलावा, उन्होंने किबुत्ज रमत राचेल का भी दौरा किया।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने यरुशलम के किबुत्ज रमत राचेल का दौरा किया।
उन्होंने एक्स पर लिखा, "यह कम्युनिटी-ड्रिवन इनोवेशन, सस्टेनेबल एग्रीकल्चर और को-ऑपरेटिव लिविंग की प्रेरणादायक झलक थी।"
उन्होंने एक ऑटोनोमस ड्राइविंग कंपनी 'मोबाइलआई' के बारे में कहा, "यरुशलम में मोबाइलआई के माध्यम से ऑटोनोमस ड्राइव के साथ सटीकता और इंजीनियरिंग का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला। मोबिलिटी टेक्नोलॉजी का भविष्य बेहद रोमांचक है।"
मोबाइलआई की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, कंपनी एआई, व्यापक वास्तविकता अनुभव और व्यावहारिक दृष्टि का उपयोग करके स्मार्ट और सुरक्षित मोबिलिटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
प्रोफेसर अमन शाशुआ ने 1999 में मोबाइलआई की स्थापना की। शाशुआ ने यरुशलम के हिब्रू यूनिवर्सिटी में अपने शोध को एक मोनोक्यूलर विजन सिस्टम में विकसित किया था, जो केवल एक कैमरा और प्रोसेसर पर सॉफ्टवेयर एल्गोरिदम का इस्तेमाल कर वाहन का पता लगा सकता था।
इस कंपनी की स्थापना के लिए एक एशियाई OEM के साथ मीटिंग के बाद फंडिंग प्राप्त हुई। शाशुआ ने अपने दो करीबी मित्रों, जिव अविराम और नोरियो इचिहाशी के साथ एक टीम बनाई। नए स्टार्टअप के प्रबंधन में शाशुआ और अविराम ने मिलकर काम किया।
2014 में कंपनी न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सार्वजनिक हो गई और ये दोनों व्यक्ति 2017 तक कंपनी की कमान संभालते रहे। इसके बाद मोबाइलआई का अधिग्रहण इंटेल कॉर्प द्वारा किया गया। अधिग्रहण के बाद, अविराम ने रिटायरमेंट ले लिया और शाशुआ ने सीईओ का पद संभाला।