क्या रुपया नवंबर के अंत तक 88.5-89 प्रति डॉलर की रेंज में ट्रेंड करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- रुपया की भविष्यवाणी 88.5-89 प्रति डॉलर की रेंज में है।
- अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता का प्रभाव महत्वपूर्ण है।
- डॉलर की गतिविधियों से भारतीय मुद्रा प्रभावित होती है।
- आरबीआई का हस्तक्षेप रुपया को स्थिर रखने में मदद कर सकता है।
- ग्लोबल करेंसियों का प्रदर्शन भिन्नतापूर्ण है।
मुंबई, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष नवंबर महीने में भारतीय मुद्रा रुपया की दिशा निर्धारित करने में डॉलर की चाल और अमेरिका-भारत के बीच व्यापार वार्ता की प्रगति महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि महीने के अंत तक रुपया 88.5-89 प्रति डॉलर की रेंज में ट्रेड करता हुआ दिखाई देगा।
बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि यूएस डॉलर की गतिविधियों और मुद्रास्फीति तथा लेबल मार्केट से संबंधित यूएस मैक्रो डेटा की भविष्यवाणी पर निर्भरता है, जो फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों के निर्णय को भी प्रभावित कर सकती है।
बैंक का कहना है कि अमेरिका-भारत व्यापार समझौते से संबंधित किसी भी सकारात्मक घटनाक्रम से निवेशकों के सेंटिमेंट में सुधार हो सकता है। हालांकि, वर्तमान में उच्च अमेरिकी टैरिफ के डॉमेस्टिक इकोनॉमी पर प्रभाव के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश पर दबाव बना हुआ है।
पिछले महीने भारतीय रुपए का प्रदर्शन स्थिर रहा, जबकि घरेलू मुद्रा धीमे निवेश, मजबूत डॉलर और आयातकों की ओर से मजबूत मांग के बीच रिकॉर्ड लो के आसपास ट्रेड कर रही थी।
केंद्रीय बैंक आरबीआई ने भारतीय मुद्रा को इसके नए निचले स्तर पर जाने से रोकने के लिए फॉरेक्स मार्केट में हस्तक्षेप किया, जो हाल के महीनों में फ्री करेंसी मूवमेंट का एक महत्वपूर्ण परिवर्तन दर्शाता है।
पिछले महीने ग्लोबल करेंसियों ने डॉलर के मुकाबले विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन किए। एक ओर उभरते बाजारों की करेंसी मजबूत हो रही थी, वहीं एडवांस्ड इकोनॉमी की करेंसी कमजोर होती जा रही थी।
बैंक के अनुसार, फेड द्वारा इस वर्ष एक और रेट कट न होने से मार्केट पार्टिसिपेंट्स का विश्वास बढ़ा, जिससे डॉलर में मजबूती आई। यूएस फेडरल रिजर्व लंबे समय से चले आ रहे यूएस शटडाउन के कारण महत्वपूर्ण आर्थिक डेटा की निगरानी कर सकता है, जिससे एक और रेट कट को लेकर सतर्कता बरती जा सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, औसत वार्षिक अस्थिरता अक्टूबर में 4 प्रतिशत से घटकर नवंबर में 1.2 प्रतिशत हो गई, और पिछले महीने रुपया 87.83 प्रति डॉलर और 88.70 प्रति डॉलर की रेंज में ट्रेड करता दिखा।