क्या दूरसंचार पीएलआई ने 4,305 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया?

सारांश
Key Takeaways
- दूरसंचार क्षेत्र में ४,३०५ करोड़ रुपए का निवेश हुआ।
- पीएलआई योजना से २८,०६७ लोगों को रोजगार मिला।
- दूरसंचार उत्पादों का घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा।
- विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंडों का आवंटन।
- भारतनेट परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का विस्तार।
नई दिल्ली, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस) दूरसंचार क्षेत्र में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) की लाभार्थी कंपनियों ने मिलकर ४,३०५ करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिससे ८५,३९१ करोड़ रुपए की बिक्री हुई है, जिसमें १६,४१४ करोड़ रुपए का निर्यात (३० मई, २०२५ तक) शामिल है।
संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस निवेश से २८,०६७ लोगों को रोजगार भी मिला है।
दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए पीएलआई योजना का उद्देश्य इस सेक्टर में १२,१९५ करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। दूरसंचार पीएलआई योजना के तहत कुल ४२ कंपनियों को लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया गया है।
इसके अलावा, ५जी सेवाओं को शुरू करने के लिए, ७०० मेगाहर्ट्ज, ३३०० मेगाहर्ट्ज और २६ गीगाहर्ट्ज बैंड सहित अंतरराष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार (आईएमटी) के लिए विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंडों में एक्सेस स्पेक्ट्रम वर्ष २०२२ और २०२४ में आयोजित स्पेक्ट्रम नीलामी के माध्यम से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को आवंटित किया गया है।
नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम प्राप्त करने वाले सफल बोलीदाताओं को ५जी सहित किसी भी आईएमटी तकनीक को लागू करने की अनुमति है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "डाक विभाग ने डाकघर बचत बैंक सेवाओं के डिजिटलीकरण, डाक जीवन बीमा को कागज रहित और ऑनलाइन प्रणाली में परिवर्तित करने, डाक घर निर्यात केंद्रों की स्थापना और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग, बीमा और ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ई-कॉमर्स संस्थाओं के साथ सहयोग जैसी नई पहल की हैं।"
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने संचार क्षेत्र में इनॉवेशन और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 'डिजिटल कम्युनिकेशंस इनोवेशन स्क्वायर (डीसीआईएस)' योजना के तहत, दूरसंचार विभाग ने स्वदेशी ५जी सहित उन्नत तकनीकों के विकास को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स और एमएसएमई द्वारा संचालित १२६ परियोजनाओं को १०८ करोड़ रुपए के कुल बजटीय परिव्यय के साथ समर्थन दिया है।
उन्होंने बताया कि देश की सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भारतनेट परियोजना को चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है और अब तक २,१४,३२५ जीपी को सेवा के लिए तैयार किया जा चुका है।
—राष्ट्र प्रेस
एबीएस/