क्या विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में खरीदारी जारी रखेंगे, यूएस डील से सेंटीमेंट को मिलेगा बूस्ट?
सारांश
Key Takeaways
- विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में लगातार खरीदारी कर रहे हैं।
- प्राइमरी मार्केट को इसका लाभ मिल रहा है।
- अक्टूबर में एफआईआई की खरीदारी का रुझान जारी है।
- भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते से निवेश की भावनाएँ बेहतर हो सकती हैं।
- कॉरपोरेट आय में सुधार का संकेत मिल रहा है।
मुंबई, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विदेशी निवेशक लगातार भारतीय शेयर बाजार में खरीदारी कर रहे हैं, जिसका लाभ प्राइमरी मार्केट को मिल रहा है। यह जानकारी रविवार को एनालिस्ट द्वारा प्रदान की गई।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के बिकवाली के क्रम में इस महीने की शुरुआत से गिरावट आनी शुरू हुई है, जो कि अभी भी जारी है।
एनएसडीएल के डेटा के अनुसार, एफआईआई अक्टूबर में कई दिन खरीदार बने रहे हैं, जिसके कारण 25 अक्टूबर तक एफआईआई की एक्सचेंज पर बिकवाली मात्र 3,363 करोड़ रुपए रही है, जबकि पिछले महीने में यह आंकड़ा लगभग 35,000 करोड़ रुपए था।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "एफआईआई का प्राथमिक बाजार के माध्यम से लगातार खरीदारी का रुझान अक्टूबर में भी जारी रहा, जिसमें 25 अक्टूबर तक कुल 10,692 करोड़ रुपए का निवेश किया गया। यह एफआईआई के लिए एक स्थिर लाभ का स्रोत है और यह रुझान आगे भी जारी रहने की संभावना है।"
गुरुवार को एफआईआई ने लगातार पांच कारोबारी सत्रों तक खरीदार रहने के बाद फिर से शुद्ध विक्रेता बन गए। इस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 3,893 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "एफआईआई का निवेश और प्रबंधन की उत्साहजनक टिप्पणियां बाजार की सकारात्मक गति को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं, हालांकि बीच-बीच में मुनाफावसूली की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर कोई भी प्रगति निवेशकों की भावनाओं को और बढ़ा सकती है।"
विजयकुमार ने कहा कि भविष्य में कुछ महत्वपूर्ण कारक हैं जो एफआईआई को भारत में खरीदार बनने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
पहला- भारत और अन्य बाजारों में वैल्यूएशन का अंतर काफी कम हो गया है, जिसने विदेशी निवेशकों को बिकवाली कम करने और अन्य बाजारों में निवेश ट्रांसफर करने से रोका है। दूसरा- भारत में कॉरपोरेट सेक्टर की आय धीरे-धीरे बढ़ रही है और वित्त वर्ष 27 में इसमें तेज सुधार देखने को मिल सकता है।
तीसरा- इस साल दीपावली की बिक्री ऐतिहासिक उच्च स्तर पर रही है, जो अर्थव्यवस्था की मजबूती और खपत को दर्शाता है। चौथा- भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील होने की संभावना है, जिससे बाजार की भावनाओं में सुधार हो रहा है।