क्या ‘आंखों की गुस्ताखियां’ विक्रांत मैसी और शनाया कपूर की प्रेम कहानी है?

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क्या ‘आंखों की गुस्ताखियां’ विक्रांत मैसी और शनाया कपूर की प्रेम कहानी है?

सारांश

‘आंखों की गुस्ताखियां’ एक दिल को छू लेने वाली प्रेम कहानी है जो पुराने बॉलीवुड रोमांस का नया अवतार पेश करती है। यह फिल्म न केवल युवा दर्शकों के लिए है बल्कि उन परिपक्व दर्शकों के लिए भी जो क्लासिक रोमांस में विश्वास रखते हैं। इस मानसून में इसे देखना न भूलें!

Key Takeaways

  • नई प्रेम कहानी जो पुराने बॉलीवुड रोमांस का नया अवतार है।
  • विक्रांत मैसी और शनाया कपूर की केमिस्ट्री अद्वितीय है।
  • फिल्म में संगीत की गहराई है।
  • सभी आयु वर्ग के दर्शकों के लिए उपयुक्त
  • दिल को छू लेने वाली एक भावनात्मक कहानी

मुंबई, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जी स्टूडियोज और मिनी फिल्म्स की ‘आंखों की गुस्ताखियां’ एक रोमांटिक फिल्म है जो रोमांस प्रेमियों के लिए ताजगी से भरी है। यह फिल्म पुराने जमाने की बॉलीवुड प्रेम कहानियों के सहज आकर्षण को आज के जमाने के टच के साथ प्रस्तुत करती है। एक्शन-थ्रिलर फिल्मों के बीच, यह सरल और सच्ची कहानी कहने के अंदाज से अपनी अलग पहचान बनाती है।

रस्किन बॉंड की कहानी 'द आइज हैव इट' से प्रेरित इस फिल्म में शनाया कपूर, जो अपने अभिनय करियर की शुरुआत कर रही हैं, 'सबा' की भूमिका निभा रही हैं। सबा थिएटर की तैयारी के लिए आंखों पर पट्टी बांधकर यात्रा पर निकलती हैं, लेकिन उनका मैनेजर उन्हें अकेला छोड़ देता है। मसूरी की ओर जाते समय उनकी मुलाकात जहां (विक्रांत मैसी) से होती है, जो अनजाने में उसका भरोसेमंद साथी बन जाता है। सफर की परेशानियों के बीच दोनों के बीच एक अनोखा रिश्ता विकसित होता है, जो मासूम लेकिन परिपक्व होता है।

फिल्म में विक्रांत और शनाया की केमिस्ट्री इसे खास बनाती है। विक्रांत मैसी '12वीं फेल' और 'सेक्टर 36' जैसी गंभीर भूमिकाओं के बाद पहली बार रोमांटिक हीरो के रूप में नजर आए हैं, जिसे दर्शक जरूर पसंद करेंगे। शनाया कपूर का डेब्यू आत्मविश्वास से भरा है और वह अपने डायलॉग सहजता से बोलती हैं, उनका प्रदर्शन प्रभावशाली है।

मानसी बागला की लेखनी बेमिसाल है, जो हर पीढ़ी के दर्शकों से जुड़ती है। फिल्म में आधुनिक डेटिंग की सच्चाइयों को भी कोमलता से छुआ गया है, जबकि इसकी आत्मा में पुरानी रोमांटिक परंपराओं की झलक मिलती है।

विशाल मिश्रा का संगीत इस फिल्म की धड़कन है। बतौर एकल संगीतकार यह उनकी पहली फिल्म है, और 'नजारा' तथा 'अलविदा' जैसे गीत कहानी में घुलते हुए भावनाओं की गहराई को और बढ़ाते हैं।

इस फिल्म की प्रोडक्शन डिजाइन और अंतर्राष्ट्रीय लोकेशनों की खूबसूरती इसे और दिलकश बनाती है। निर्माता मानसी और वरुण बागला ने हर फ्रेम में सिनेमा की भव्यता को बनाए रखा है, जबकि निर्देशक संतोष सिंह प्रेम की भव्यता और उसकी नरमी दोनों को बड़े ही सलीके से प्रस्तुत करते हैं।

‘आँखों की गुस्ताखियां’ एक भावनात्मक, दिल को छू लेने वाली प्रेम कहानी है जो संगीत, मोहब्बत और यथार्थ को खूबसूरती से पिरोती है। यह फिल्म हर वर्ग के लोगों के लिए है - युवाओं के लिए जो आज के रिश्तों की जटिलताओं से गुजरते हैं और उन परिपक्व लोगों के लिए जो आज भी क्लासिक रोमांस में विश्वास रखते हैं। इस मानसून में यह फिल्म आपके दिल को सुकून और उम्मीद से भर देने वाली एक प्यारी सी झप्पी है।

स्टार: 4 स्टार

निर्देशक: संतोष सिंह

कलाकार: विक्रांत मैसी, शनाया कपूर और जैन खान दुर्गानी

प्रस्तुति: मिनी फिल्म्स और जी स्टूडियोज

निर्माता: मानसी बागला, वरुण बागला और ओपन विंडो फिल्म्स

Point of View

बल्कि दर्शकों को रिश्तों की जटिलताओं पर विचार करने को मजबूर करती है। एक समृद्ध अनुभव के साथ, यह फिल्म सभी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या ‘आंखों की गुस्ताखियां’ एक रोमांटिक फिल्म है?
हाँ, यह फिल्म एक रोमांटिक प्रेम कहानी है जो दिल को छू लेती है।
फिल्म की मुख्य अभिनेत्री कौन हैं?
फिल्म में मुख्य अभिनेत्री शनाया कपूर हैं, जो अपने करियर की शुरुआत कर रही हैं।
क्या इस फिल्म का संगीत अच्छा है?
हाँ, विशाल मिश्रा का संगीत इस फिल्म की धड़कन है, जो भावनाओं को गहराई से व्यक्त करता है।
इस फिल्म का निर्देशन किसने किया है?
इस फिल्म का निर्देशन संतोष सिंह ने किया है।
क्या यह फिल्म सभी आयु वर्ग के लिए है?
हाँ, यह फिल्म सभी आयु वर्ग के दर्शकों के लिए उपयुक्त है।