क्या अभिषेक कपूर बिना फिल्म स्कूल के अपनी मेहनत और जुनून से सफल हुए?

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क्या अभिषेक कपूर बिना फिल्म स्कूल के अपनी मेहनत और जुनून से सफल हुए?

सारांश

अभिषेक कपूर की प्रेरणादायक यात्रा यह साबित करती है कि सफलता के लिए औपचारिक पढ़ाई जरूरी नहीं है। मेहनत, जुनून और प्रतिभा से वे फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हैं। उनकी कहानी हर उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों का पीछा कर रहे हैं।

Key Takeaways

  • सफलता के लिए मेहनत आवश्यक है।
  • औपचारिक शिक्षा हमेशा जरूरी नहीं होती।
  • प्रतिभा और जुनून सफलता की कुंजी हैं।
  • हर चुनौती को अवसर में बदलने का साहस रखें।
  • अपनी कला और जुनून पर भरोसा करें।

मुंबई, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म इंडस्ट्री में सफलता पाने के लिए अक्सर लोग यह मानते हैं कि एक्टिंग सीखने के लिए किसी फिल्म स्कूल में जाना अनिवार्य है। लेकिन कुछ ऐसे कलाकार और निर्देशक होते हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता नहीं पड़ती। केवल मेहनत और प्रतिभा के बलबूते उन्होंने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई। इन्हीं में से एक हैं अभिषेक कपूर, जिनका सफर इस बात का प्रमाण है कि यदि आप जुनून और मेहनत से काम करते हैं, तो किसी भी चुनौती को पार कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

अभिषेक कपूर का जन्म 6 अगस्त 1971 को हुआ। वह एक साधारण परिवार में पले-बढ़े, लेकिन फिल्म बनाने का सपना देखते रहे। वह बॉलीवुड के उन कुछ लोगों में से हैं जिन्होंने कोई औपचारिक फिल्म स्कूल नहीं किया, फिर भी उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने अपनी मेहनत और अनुभव से फिल्मों की दुनिया में नाम कमाया।

अभिषेक ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1995 में मोनिका बेदी के साथ फिल्म 'आशिक मस्ताने' से की और इसके बाद 'उफ्फ! ये मोहब्बत' में दिखाई दिए। दोनों की फिल्में कुछ खास नहीं चल सकीं। इस असफलता ने उन्हें यह समझाया कि वह एक अभिनेता के रूप में अपने करियर को आगे नहीं बढ़ा सकते। इसके बाद उन्होंने निर्देशक और लेखक के तौर पर अपनी किस्मत आजमाई और 2006 में सोहेल खान और स्नेहा उल्लाल के साथ स्पोर्ट्स ड्रामा 'आर्यन: अनब्रेकेबल' से निर्देशन की शुरुआत की। यह फिल्म लोगों को पसंद आई, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई।

2008 में आई म्यूजिकल ड्रामा 'रॉक ऑन!' ने अभिषेक कपूर को लोकप्रियता दिलाई। यह फिल्म भारतीय सिनेमा में म्यूजिकल ड्रामा की एक नई मिसाल बनी। फिल्म की कहानी, संगीत और कलाकारों के अभिनय को बहुत सराहा गया। इस फिल्म के लिए उन्हें हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारफिल्मफेयर पुरस्कार में 'रॉक ऑन!' को सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार दिया गया। इस सफलता ने साबित कर दिया कि फिल्म स्कूल की डिग्री न होना करियर में कोई बड़ी बाधा नहीं है, यदि आपकी मेहनत और कला मजबूत है तो आप चमक सकते हैं।

2013 में अभिषेक ने चेतन भगत के उपन्यास 'द 3 मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ' पर आधारित फिल्म 'काई पो चे!' का निर्देशन और लेखन किया। यह फिल्म दोस्ती, राजनीति और सामाजिक मुद्दों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करती है। 'काई पो चे!' को विश्व के बड़े फिल्म महोत्सव बर्लिन में भी प्रदर्शित किया गया और इसे आलोचकों द्वारा भी सराहा गया। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की। इसके लिए अभिषेक को फिल्मफेयर पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार मिला।

2016 में उन्होंने चार्ल्स डिकेंस की प्रसिद्ध किताब 'ग्रेट एक्सपेक्टेशंस' का रूपांतरण 'फितूर' बनाया। इसमें तब्बू, कैटरीना कैफ और आदित्य रॉय कपूर मुख्य भूमिका में थे।

2018 में उन्होंने 'केदारनाथ' का निर्देशन किया, जो 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान बनी एक अंतर-धार्मिक प्रेम कहानी थी। इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान थे। 'केदारनाथ' ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त की और आलोचकों से भी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं।

2021 में उन्होंने 'चंडीगढ़ करे आशिकी' नाम की फिल्म बनाई, जो एक जिम ट्रेनर की कहानी है, जिसे एक ट्रांसजेंडर महिला से प्यार हो जाता है। इस फिल्म को भी आलोचकों ने सराहा और यह औसत व्यावसायिक सफलता पाने में सफल रही। इसके लिए अभिषेक को फिल्मफेयर पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ कहानी का दूसरा पुरस्कार मिला। उन्होंने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी, 'गाइ इन द स्काई पिक्चर्स' भी शुरू की।

अभिषेक कपूर के सफर से यह साफ है कि सफलता पाने के लिए औपचारिक पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण है आपकी मेहनत, लगन और सही सोच।

Point of View

अभिषेक कपूर की कहानी यह दर्शाती है कि फिल्म इंडस्ट्री में सफलता के लिए केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि मेहनत और प्रतिभा भी आवश्यक हैं। उनका उदाहरण उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

अभिषेक कपूर ने किस फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की?
अभिषेक कपूर ने अपने करियर की शुरुआत 1995 में फिल्म 'आशिक मस्ताने' से की।
अभिषेक कपूर को कौन सा पुरस्कार मिला?
उन्हें फिल्म 'रॉक ऑन!' के लिए हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
कौन सी फिल्म ने अभिषेक कपूर को प्रसिद्धि दिलाई?
फिल्म 'रॉक ऑन!' ने उन्हें बहुत प्रसिद्धि दिलाई।
अभिषेक कपूर की सफल फिल्मों में कौन सी प्रमुख है?
उनकी सफल फिल्मों में 'काई पो चे!' और 'केदारनाथ' शामिल हैं।
अभिषेक कपूर ने किस उपन्यास पर फिल्म बनाई?
उन्होंने चेतन भगत के उपन्यास 'द 3 मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ' पर फिल्म 'काई पो चे!' बनाई।