क्या गुरु दत्त का खत बच्चों को नई सीख देता है?

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क्या गुरु दत्त का खत बच्चों को नई सीख देता है?

सारांश

गुरु दत्त, हिंदी सिनेमा के दिग्गज, ने अपने जीवन में परिवार और मेहनत के महत्व को समझाया। उनकी पोती ने साझा किए उनके दिलचस्प खत, जो आज भी प्रेरणा देते हैं। जानिए उनके जीवन की रोचक बातें और सीखें।

Key Takeaways

  • गुरु दत्त का जीवन परिवार और मेहनत का प्रतीक है।
  • उनके पत्रों से हमें परिवार के महत्व का ज्ञान मिलता है।
  • मेहनत करने की प्रेरणा देने वाली उनकी बातें आज भी प्रासंगिक हैं।
  • गुरु दत्त ने कई कल्ट क्लासिक फिल्में बनाई।
  • उनके अनुभव हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

मुंबई, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। गुरु दत्त को हिंदी सिनेमा का एक प्रमुख फिल्मकार और अभिनेता माना जाता है, जिन्होंने अपनी फिल्मों में गहरी भावनाएँ और अनुभव प्रस्तुत किए। उनके जीवन में भी कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। उनकी पोती गौरी दत्त और करुणा दत्त ने गुरु दत्त के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें साझा की।

गौरी और करुणा ने राष्ट्रीय प्रेस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में गुरु दत्त के जीवन, उनके काम और शौकों पर चर्चा की। उन्होंने उन पत्रों का जिक्र किया जो गुरु दत्त अपनी पत्नी गीता दत्त को लिखा करते थे।

गौरी ने बताया कि उनके पिता ने गुरु दत्त और उनकी दादी के बीच की सभी चिट्ठियाँ सहेज कर रखी हैं। उन्होंने कहा, "हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारे पापा ने उन खतों को संभाल कर रखा। असल में, ये खत एक किताब में भी प्रकाशित हुए हैं। मुझे एक विशेष खत याद है जो उन्होंने अपने बच्चों को लिखा था, जिसमें उन्होंने हस्ताक्षर करते समय एक कार्टून जैसा चेहरा भी बनाया था।"

गौरी ने आगे कहा, "मैं इसे याद करती हूँ जब उन्होंने बच्चों को लिखा था, 'काम तो काम होता है। कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता, और जो काम नहीं करता है, वो बुद्धू होता है।'"

गौरी ने कहा, "मुझे लगता है कि यह उनके कहने का तरीका था कि अगर जिंदगी में आगे बढ़ना है, तो मेहनत करनी ही पड़ेगी।"

करुणा ने बताया कि इन चिट्ठियों को पढ़कर यह महसूस होता है कि गुरु दत्त अपने परिवार को कितना याद करते थे। भले ही वे काम में बहुत व्यस्त थे, लेकिन उनके दिल में परिवार के लिए एक विशेष स्थान था।

गुरु दत्त 1940 और 1950 के दशक के प्रसिद्ध फिल्मकार थे, जिन्होंने 'प्यासा', 'साहिब बीबी और गुलाम', 'चौदहवीं का चांद', और 'मिस्टर एंड मिसेज 55' जैसी कई अद्भुत फिल्में बनाई। उनकी फिल्मों ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी और आज भी उन्हें कल्ट क्लासिक माना जाता है।

उन्होंने केवल 39 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कहा। गुरु दत्त के बेटे अरुण दत्त ने एक इंटरव्यू में कहा था, "मेरे पिता को नींद न आने की समस्या थी। वे अक्सर नींद की गोलियां लेते थे, जैसे आम लोग करते हैं। उस रात वे शराब के नशे में थे और नींद की गोलियों की ओवरडोज ले ली थी, जिससे उनकी मौत हो गई।"

Point of View

जो अपने परिवार को बहुत प्यार करते थे। यह हमें प्रेरणा देता है कि हमें अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना चाहिए।
NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

गुरु दत्त ने कौन-कौन सी प्रसिद्ध फिल्में बनाई?
गुरु दत्त ने 'प्यासा', 'साहिब बीबी और गुलाम', 'चौदहवीं का चांद', और 'मिस्टर एंड मिसेज 55' जैसी कई प्रसिद्ध फिल्में बनाई।
गुरु दत्त का निधन कब हुआ?
गुरु दत्त का निधन 39 वर्ष की आयु में हुआ।
गुरु दत्त ने अपने बच्चों को क्या सिखाया?
गुरु दत्त ने अपने बच्चों को यह सिखाया कि 'काम तो काम होता है। कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता।'