क्या एक्ट्रेस हेलेन का मकसद वैजयंतीमाला से बेहतर बनना था?
सारांश
Key Takeaways
- समर्पण और ईमानदारी कला में महत्वपूर्ण है।
- प्रतिस्पर्धा से अधिक महत्वपूर्ण है स्वयं को बेहतर बनाना।
- डांस करते समय पूर्ण ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- कलाकार की असली पहचान उसकी कला में होती है।
- तुलना करना दर्शकों का कार्य है, कलाकार का नहीं।
मुंबई, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री और डांसर हेलेन ने अपनी अनोखी शैली से दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने उस समय 'कैबरे क्वीन' का खिताब प्राप्त किया, जब डांस के माध्यम से पहचान बनाना आसान नहीं था।
आज भी जब उनके करियर और यात्रा की बात होती है, तो उनके समर्पण को याद किया जाता है। इस समर्पण को उन्होंने अपने एक पुराने इंटरव्यू में सरलता से व्यक्त किया था।
प्रसार भारती के साथ एक इंटरव्यू में हेलेन ने कहा कि लोग अक्सर उनकी तुलना वैजयंतीमाला से करते थे, लेकिन उनके लिए यह कभी भी तनाव या दबाव का कारण नहीं बना। उन्होंने कभी भी किसी से बेहतर बनने का लक्ष्य नहीं रखा। उनका केवल यह उद्देश्य था कि वह अपने प्रत्येक प्रदर्शन में सर्वश्रेष्ठ करें।
हेलेन ने कहा, "तुलना करना दर्शकों और उद्योग का काम है, लेकिन कलाकार का कर्तव्य है कि वह अपनी कला को पूरी निष्ठा से निभाए।"
इंटरव्यू में हेलेन ने बताया कि जब वह डांस करती थीं, तो वह उस पल में पूरी तरह खो जाती थीं। उन्हें कैमरा नहीं दिखता था, न ही पर्दे के पीछे की हलचल का एहसास होता था। जैसे ही संगीत शुरू होता था, वह उस धुन में पूर्ण रूप से समाहित हो जाती थीं।
हेलेन का मानना था कि जब कोई कलाकार अपनी कला में पूरी तरह डूब जाता है, तब उसके कदम, भाव और अभिव्यक्ति सबसे वास्तविक रूप में दिखते हैं।
हेलेन ने उद्योग में प्रतियोगिता पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि उनका कभी उद्देश्य नहीं था कि वह वैजयंतीमाला से बेहतर डांस करें या उन्हें पीछे छोड़ दें।
उन्होंने कहा, "मैं दूसरों को हराने के लिए नहीं, बल्कि खुद को बेहतर बनाने के लिए डांस करती थी। मेरी कोशिश रहती थी कि मैं अपनी कला के प्रति ईमानदार रहूं और अपनी अलग पहचान बनाए रखूं। अगर मैं वैजयंतीमाला जितनी अच्छी नहीं भी हूं, तो भी अपने स्तर पर अच्छा करने की कोशिश करती हूं, और मेरे लिए यही काफी था।"