क्या पद्मिनी के डांस ने राज कपूर को खड़े होकर तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया?

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क्या पद्मिनी के डांस ने राज कपूर को खड़े होकर तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया?

सारांश

पद्मिनी की कला और नृत्य ने राज कपूर को मंत्रमुग्ध कर दिया। जानिए उनकी अद्भुत यात्रा और एक यादगार किस्सा, जिसमें उन्होंने नृत्य की नई परिभाषा दी।

Key Takeaways

  • पद्मिनी का योगदान भारतीय सिनेमा में अनमोल है।
  • उनकी कला ने नृत्य को एक नई पहचान दी।
  • राज कपूर का तालियों से स्वागत उनकी कला की प्रशंसा है।
  • पद्मिनी ने अपनी बहनों के साथ 'त्रावणकोर सिस्टर्स' के रूप में ख्याति प्राप्त की।
  • उनका जीवन और कार्य आज भी प्रेरणा का स्रोत है।

मुंबई, 23 सितंबर (राष्ट्र प्रेस) - पद्मिनी एक अत्यंत प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री, नृत्यांगना और कोरियोग्राफर थीं, जिनका भारतीय सिनेमा और शास्त्रीय नृत्य में अतुलनीय योगदान है।

त्रावणकोर (वर्तमान केरल) में जन्मी पद्मिनी ने भरतनाट्यम में अपनी असाधारण कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने 250 से अधिक भारतीय फिल्मों में काम किया, जिनमें हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ सिनेमा शामिल हैं। उनकी अद्वितीय अभिनय शैली, भावपूर्ण नृत्य और आकर्षक व्यक्तित्व ने उन्हें 1950 और 1960 के दशक की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक बना दिया।

पद्मिनी का फिल्मी करियर लगभग 30 वर्षों तक चला। उन्होंने 'जिस देश में गंगा बहती है', 'अफसाना', 'चंदा और बिजली', 'रागिनी', 'अमरदीप', 'राजतिलक', 'मेरा नाम जोकर', 'आशिक', 'भाई-बहन', 'दर्द का रिश्ता', 'मस्ताना', 'परदेसी' जैसी अनेक फिल्मों में अभिनय किया। वे राज कपूर, एम. जी. रामचंद्रन, शिवाजी गणेशन, राजकुमार, प्रेम नासिर, एनटी रामा राव, सत्यन, देवानंद और शम्मी कपूर जैसे प्रसिद्ध अभिनेताओं के साथ काम कर चुकी हैं।

अपनी बहनों ललिता और रागिनी के साथ मिलकर उन्होंने ‘त्रावणकोर सिस्टर्स’ के रूप में भी ख्याति प्राप्त की। पद्मिनी ने न केवल सिनेमा में बल्कि शास्त्रीय नृत्य के प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और चेन्नई में अपनी नृत्य अकादमी स्थापित की। उनकी कला और समर्पण आज भी प्रेरणा का स्रोत है।

24 सितंबर को उनकी पुण्यतिथि होती है। पद्मिनी को नृत्य का इतना जुनून था कि एक बार उनके नृत्य को देखकर शोमैन राज कपूर भी खड़े होकर तालियां बजाने को मजबूर हो गए थे। यह किस्सा उनके कई पुराने इंटरव्यू में पढ़ने को मिलता है।

यह किस्सा तब का है जब पद्मिनी अपनी मशहूर फिल्म 'जिस देश में गंगा बहती है' की शूटिंग राज कपूर के साथ कर रही थीं। पद्मिनी एक बेहद कुशल भरतनाट्यम नृत्यांगना थीं, और उनकी कला का लोहा पूरा देश मानता था।

फिल्म में एक ऐसा दृश्य था जहां उन्हें बिना किसी बैकग्राउंड म्यूजिक या कोरियोग्राफर के सिर्फ अपने अभिनय से राज कपूर के सामने नृत्य करना था। यह एक बहुत ही कठिन और असामान्य चुनौती थी, क्योंकि इसमें सिर्फ चेहरे के भावों और शरीर की भाषा से पूरी कहानी कहनी थी।

पद्मिनी ने बिना किसी झिझक के यह चुनौती स्वीकार की। जैसे ही कैमरा रोल हुआ, उन्होंने अपने पैरों से नहीं, बल्कि अपने चेहरे के भावों से नृत्य करना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने अपने चेहरे पर इतने भाव लाए कि वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया। राज कपूर, जो अपने काम में परफेक्शन के लिए जाने जाते थे, पद्मिनी के इस शानदार परफॉर्मेंस को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए।

सीन खत्म होने के बाद, राज कपूर अपनी कुर्सी से खड़े हुए और उन्होंने तालियां बजाईं। उन्होंने पद्मिनी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसा भावपूर्ण नृत्य नहीं देखा था। यह किस्सा पद्मिनी की कला और उनकी प्रतिभा को दर्शाता है, जिसने एक सीन को केवल यादगार ही नहीं, बल्कि अमर बना दिया। पद्मिनी ने यह दिखा दिया कि सच्चा नृत्य केवल ताल और लय का मोहताज नहीं होता, बल्कि वह चेहरे के भावों और दिल की भावनाओं से भी व्यक्त किया जा सकता है।

Point of View

बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक रास्ता भी प्रशस्त किया। उनका जीवन और कार्य आदर्श है, जो सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

पद्मिनी का सबसे प्रसिद्ध नृत्य कौन सा है?
पद्मिनी का सबसे प्रसिद्ध नृत्य 'भरतनाट्यम' है।
राज कपूर का पद्मिनी के साथ कौन सा फिल्म है?
'जिस देश में गंगा बहती है' फिल्म में राज कपूर और पद्मिनी ने साथ काम किया।
पद्मिनी ने कितनी फिल्मों में काम किया?
पद्मिनी ने 250 से अधिक भारतीय फिल्मों में काम किया।
पद्मिनी का जन्मस्थान क्या है?
पद्मिनी का जन्म त्रावणकोर (केरल) में हुआ था।
पद्मिनी के साथ कौन-कौन से प्रसिद्ध अभिनेता थे?
पद्मिनी ने राज कपूर, एम. जी. रामचंद्रन, और शम्मी कपूर जैसे कई प्रसिद्ध अभिनेताओं के साथ काम किया।