क्या आप जानते हैं राजकुमार की 99वीं जयंती पर जैकी श्रॉफ ने उन्हें कैसे दी श्रद्धांजलि?

सारांश
Key Takeaways
- राजकुमार का असली नाम कुलभूषण पंडित था।
- उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़कर फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।
- उनकी प्रमुख फिल्म 'मदर इंडिया' ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई।
- राजकुमार के संवाद आज भी लोगों की जुबान पर हैं।
- उनका स्टाइल और अदाकारी आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में जीवित हैं।
मुंबई, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सिनेमा के ‘डायलॉग किंग’ और अद्भुत अभिनेता राजकुमार की आज 99वीं जयंती है। उनका वास्तविक नाम कुलभूषण पंडित था, लेकिन उन्हें राजकुमार के नाम से पहचान मिली। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, अभिनेता जैकी श्रॉफ ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
जैकी ने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर राजकुमार की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "राजकुमार जी की जयंती पर उन्हें दिल से याद कर रहे हैं।"
राजकुमार अपनी गहरी आवाज़, अद्भुत संवाद अदायगी और बेमिसाल अभिनय के लिए प्रसिद्ध थे। उनका जन्म 8 अक्टूबर 1926 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुआ था। उनका असली नाम कुलभूषण पंडित था, लेकिन सभी उन्हें राजकुमार के नाम से जानते हैं।
1940 के दशक में वे मुंबई आए और पुलिस में सब-इंस्पेक्टर की नौकरी करने लगे। जिस थाने में वे काम कर रहे थे, वहां अक्सर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग आते-जाते रहते थे। एक दिन पुलिस स्टेशन पर निर्देशक बलदेव दुबे ने उनकी बातचीत के अंदाज से प्रभावित होकर उन्हें अपनी फिल्म ‘शाही बाजार’ में काम करने का ऑफर दिया। इसके बाद उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़कर फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।
26 साल की उम्र में उनकी पहली फिल्म ‘रंगीली’ (1952) रिलीज हुई, लेकिन असली पहचान 1957 में आई फिल्म ‘नौशेरवां-ए-आदिल’ से मिली। उसी वर्ष ‘मदर इंडिया’ में उनके दमदार किरदार ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इस फिल्म ने उनके करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। राजकुमार ने ‘पाकीजा’, ‘हमराज’, ‘हीर रांझा’, और ‘वक्त’ जैसी कई यादगार फिल्मों में अभिनय किया। उनके संवाद जैसे "जानी, हम तुम्हें मारेंगे, लेकिन वो बंदूक भी हमारी होगी" आज भी दर्शकों की जुबान पर हैं।
लगभग चार दशकों तक अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले राजकुमार 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया से विदा हो गए। लेकिन उनका अद्वितीय स्टाइल, शर्ट में रूमाल रखने का अंदाज, सफेद जूते और उनके जिंदादिल डायलॉग आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में जीवित हैं।