क्या सिडनी में गूंजेगी 'शोले' की गूंज? रिस्टोर्ड वर्जन होगा आईएफएफएस स्क्रीन पर पेश

Click to start listening
क्या सिडनी में गूंजेगी 'शोले' की गूंज? रिस्टोर्ड वर्जन होगा आईएफएफएस स्क्रीन पर पेश

सारांश

सिडनी में 'शोले' का रिस्टोर्ड वर्जन प्रदर्शित होगा। यह फिल्म भारतीय सिनेमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका वर्ल्ड प्रीमियर पहले ही हो चुका है। दर्शकों को इसके ओरिजिनल अंत के साथ एक खास अनुभव मिलेगा।

Key Takeaways

  • 'शोले' का रिस्टोर्ड वर्जन दर्शकों के लिए एक नया अनुभव होगा।
  • फिल्म को 4के क्वालिटी में तैयार किया गया है।
  • यह भारतीय सिनेमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • आईएफएफएस में इसका विशेष प्रदर्शन होगा।
  • फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता हासिल की थी।

मुंबई, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक 'शोले' अब अपने रिस्टोर्ड (साफ-सुधरे और नए रूप में तैयार) वर्जन के साथ दोबारा परदे पर लौटने जा रही है। यह नया वर्जन ऑस्ट्रेलिया के इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ सिडनी (आईएफएफएस) में अगले महीने अक्टूबर में प्रदर्शित किया जाएगा।

आईएफएफएस ९ से ११ अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें भारतीय सिनेमा के कई बेहतरीन कार्यों का जश्न मनाया जाएगा। इससे पहले 'शोले' के इस रिस्टोर्ड वर्जन का वर्ल्ड प्रीमियर इस महीने की शुरुआत में टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (टीआईएफएफ) में हो चुका है।

'शोले' को ४के क्वालिटी में बहुत ही सावधानी और मेहनत के साथ दोबारा तैयार किया गया है। इस रिस्टोरेशन का कार्य फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने सिप्पी फिल्म्स के सहयोग से किया। इस प्रक्रिया में कई साल लगे। टीम को लंदन में फिल्म की एक अत्यंत दुर्लभ कलर रिवर्सल प्रिंट मिली और मुंबई से कैमरा नेगेटिव्स और कुछ लंबे समय से खोए हुए डिलीट किए गए सीन भी प्राप्त हुए।

फेस्टिवल की निदेशक मीету भौमिक लांगे ने कहा, ''सिडनी में 'शोले' को उसके असली रूप में दिखाना बहुत गर्व की बात है। यह केवल एक क्लासिक फिल्म की वापसी नहीं है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। जब दर्शक फिल्म को उसके ओरिजिनल अंत के साथ देखेंगे, तो यह अनुभव और भी खास हो जाएगा। इससे न केवल निर्देशक की मूल कल्पना को सम्मान मिलेगा, बल्कि भारतीय सिनेमा की विविधता और ताकत भी दुनिया के सामने आएगी।''

'शोले' को १९७५ में रिलीज किया गया था। इसकी कहानी दो अपराधियों, जय और वीरू, के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें एक रिटायर्ड पुलिस अफसर, ठाकुर बलदेव सिंह, एक खतरनाक डाकू, गब्बर सिंह, को पकड़ने के लिए बुलाता है। फिल्म में धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन ने वीरू और जय की भूमिकाएं निभाईं, जबकि हेमा मालिनी और जया भादुरी ने बंसती और राधा का किरदार निभाया। फिल्म की शूटिंग कर्नाटक के रामनगर की चट्टानी जगहों पर की गई थी और इसे बनने में करीब ढाई साल लगे थे।

जब 'शोले' पहली बार रिलीज़ हुई थी, तब इसे आलोचकों से नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और बॉक्स ऑफिस पर भी शुरुआत में खास नहीं चली। लेकिन धीरे-धीरे लोगों की जुबानी तारीफ ने इसे एक बड़ी हिट बना दिया। यह फिल्म मुंबई के मिनेर्वा थिएटर में लगातार पांच साल तक चली और उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई। विदेशों में भी, खासकर सोवियत संघ में, इस फिल्म को खूब पसंद किया गया।

Point of View

बल्कि भारतीय सिनेमा का एक प्रतिष्ठित प्रतीक है। इसका रिस्टोर्ड वर्जन दर्शकों को एक नई दृष्टि देगा। यह भारतीय सिनेमा की विविधता और गहराई को भी दर्शाता है।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

रिस्टोर्ड वर्जन क्या है?
रिस्टोर्ड वर्जन का मतलब है कि फिल्म को नए तकनीकी तरीके से साफ-सुथरा और नया रूप दिया गया है।
आईएफएफएस का क्या महत्व है?
आईएफएफएस भारतीय सिनेमा का जश्न मनाने का एक प्रमुख प्लेटफार्म है।
क्या 'शोले' सिर्फ भारत में प्रसिद्ध है?
'शोले' को विदेशों में भी, खासकर सोवियत संघ में, बहुत पसंद किया गया।
क्या फिल्म में कोई विशेष दृश्य हैं?
हां, फिल्म के कई दृश्यों को विशेष रूप से रिस्टोर किया गया है, जो इसे और भी खास बनाता है।
फिल्म का ओरिजिनल अंत क्या है?
फिल्म का ओरिजिनल अंत दर्शकों को एक अलग अनुभव देगा, जो पहले नहीं देखा गया।