क्या आंखों में जलन, सूखापन और कमजोर नजर से परेशान हैं? 'शीतोदक' से मिलेंगे कई फायदे

Click to start listening
क्या आंखों में जलन, सूखापन और कमजोर नजर से परेशान हैं? 'शीतोदक' से मिलेंगे कई फायदे

सारांश

आंखों की समस्याओं से परेशान हैं? जानें, कैसे आयुर्वेद का शीतोदक उपचार आपकी आंखों को प्राकृतिक पोषण देकर राहत दे सकता है। यह सरल उपाय न केवल आंखों की रोशनी को बढ़ाता है, बल्कि थकान और जलन से भी राहत देता है।

Key Takeaways

  • शीतोदक एक आसान और प्रभावी उपचार है।
  • आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।
  • थकान और जलन से राहत पहुंचाता है।
  • नियमित अभ्यास से आंखों की चमक में सुधार होता है।
  • स्वच्छ पानी का उपयोग करना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान डिजिटल युग में, जहां स्मार्टफोन, कंप्यूटर और लगातार स्क्रीन टाइम ने आंखों की सेहत को प्रभावित किया है, वहां आंखों की थकान, सूखापन, जलन, और कमजोर नजर जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। ऐसे में आंखों का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक हो गया है। आयुर्वेद में शीतोदक के जरिए सरल और प्रभावी उपचार सुझाए गए हैं।

भारत सरकार का आयुष मंत्रालय भी घरेलू शीतोदक उपचार को अत्यंत प्रभावी मानता है। यह चिकित्सा पद्धति मुंह में ठंडा पानी भरकर रखने के द्वारा आंखों को प्राकृतिक पोषण देकर रोशनी को तेज करती है और कई समस्याओं से राहत देती है।

शीतोदक उपचार एक सरल और प्रभावी विधि है, जो खासकर आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाती है। इस उपचार में मुंह में ठंडा पानी भरकर रखने से आंखों की रोशनी अच्छी बनी रहती है और नजर मजबूत होती है। दिन में 2 से 4 बार इस प्रक्रिया को अपनाने से आंखों को प्राकृतिक रूप से पोषण मिलता है।

आंखों के लिए लाभकारी शीतोदक को 'शीतंबुप्रतिवासना' भी कहा जाता है। इसके लिए सुबह उठते ही या दिन में 2-4 बार मुंह में सामान्य ठंडा पानी भरकर रखें। मुंह भरा हुआ रखते हुए आंखों पर ठंडा पानी छिड़कें या आंखें खोलकर पानी से धोएं। कुछ सेकंड तक मुंह में पानी रखें, फिर कुल्ला करके बाहर निकाल दें। इसे 2-3 बार दोहराएं। यह प्रक्रिया आंखों और मुंह दोनों को लाभ पहुंचाती है।

इस उपचार के कई लाभ हैं। नेचुरोपैथी विशेषज्ञों के अनुसार, मुंह में ठंडा पानी रखने से आंखों में रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे रोशनी बनी रहती है। यह आंखों की मांसपेशियों को आराम देता है, थकान दूर करता है, और सूखापन, जलन, या कमजोर नजर की समस्या में राहत मिलती है। शीतोदक के नियमित अभ्यास से आंखों की चमक बढ़ती है, सिरदर्द कम होता है, और एकाग्रता में सुधार होता है।

यह डिजिटल स्क्रीन से होने वाली आंखों की थकान (कंप्यूटर विजन सिंड्रोम) के लिए भी लाभकारी है। साथ ही, मुंह की सेहत बेहतर होती है, दांत मजबूत होते हैं, और गले की समस्याएं कम होती हैं। प्राकृतिक चिकित्सा में इसे आंखों का प्राकृतिक पोषण माना जाता है।

हालांकि, सावधानी भी आवश्यक है। पानी बहुत ठंडा न हो, अन्यथा गले या दांतों को नुकसान हो सकता है। यदि आंखों में संक्रमण हो, तो डॉक्टर से सलाह लें। शीतोदक के लिए स्वच्छ पानी का उपयोग करना चाहिए। अगर किसी प्रकार की असुविधा हो, तो इसे बंद कर दें।

Point of View

यह स्पष्ट है कि डिजिटल युग में आंखों की सेहत की चिंता एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गई है। आयुर्वेदिक उपचार 'शीतोदक' न केवल एक सरल उपाय है, बल्कि यह लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से लाभ पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

शीतोदक क्या है?
शीतोदक एक आयुर्वेदिक उपचार है जिसमें मुंह में ठंडा पानी भरकर रखा जाता है, जिससे आंखों को प्राकृतिक पोषण मिलता है।
इसका उपयोग कितनी बार करना चाहिए?
दिन में 2 से 4 बार इस प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है।
क्या इससे आंखों की सेहत में सुधार होता है?
जी हां, यह आंखों की रोशनी बढ़ाता है और थकान, जलन, और सूखापन से राहत देता है।
क्या यह सभी के लिए सुरक्षित है?
यदि आंखों में संक्रमण हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।
क्या पानी बहुत ठंडा होना चाहिए?
नहीं, पानी बहुत ठंडा न हो, अन्यथा गले या दांतों को नुकसान हो सकता है।
Nation Press