क्या छोटे-छोटे बदलाव आयुर्वेद के ‘गोल्डन रूल्स’ से पाचन तंत्र को मजबूत कर सकते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- स्वस्थ पाचन के लिए सही भोजन और उसके तरीके का महत्व है।
- खाने के दौरान तनाव से बचें।
- पानी पीने का सही समय जानें।
- ताजा और मौसमी भोजन का सेवन करें।
- रात का खाना हल्का रखें।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। स्वस्थ जीवन के लिए मजबूत पाचन तंत्र आवश्यक है। अक्सर इसे लोग हल्के में लेते हैं और लापरवाही करते हैं, जिससे भोजन शरीर के लिए खतरनाक बन सकता है और कई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। लेकिन आयुर्वेद इस दिशा में सरल और प्रभावी मार्गदर्शन प्रदान करता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने हाल ही में आयुर्वेद के ‘गोल्डन रूल्स’ साझा किए हैं, जो खाने की आदतों में छोटे-छोटे बदलावों के माध्यम से पाचन और सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
मंत्रालय के अनुसार, “आयुर्वेद केवल यह नहीं बताता कि क्या खाना चाहिए; यह बेहतर पाचन और स्वास्थ्य के लिए सोच-समझकर भोजन करने का मंत्र भी देता है। छोटी-छोटी सोच-समझकर खाने की आदतें स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं और किसी तोहफे से कम नहीं हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, सही भोजन का मतलब केवल थाली में मौजूद पदार्थ नहीं, बल्कि खाने का सही तरीका भी है। भोजन को शांति और अच्छी संगति में करना चाहिए। आयुष मंत्रालय सलाह देता है कि भोजन के दौरान क्रोध, भय या तनाव से बचें, क्योंकि ये पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। भोजन का आनंद लेना और उसे धीरे-धीरे चबाना न केवल स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि पाचन एंजाइमों को भी सक्रिय करता है।
पानी40 से 45 मिनट बाद काफी मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे पाचन तंत्र पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता और भोजन का पाचन सुचारू रूप से होता है।
आयुर्वेद यह भी सलाह देता है कि भोजन ताजा, मौसमी और शरीर की प्रकृति के अनुकूल होना चाहिए। भारी भोजन से बचें और रात का खाना हल्का रखें। इन छोटे बदलावों को अपनाकर न केवल पाचन तंत्र मजबूत होता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।