एचपीवी वैक्सीन क्यों है जरूरी? जानें कैंसर और बीमारियों से बचाव के बारे में

Click to start listening
एचपीवी वैक्सीन क्यों है जरूरी? जानें कैंसर और बीमारियों से बचाव के बारे में

सारांश

एचपीवी वैक्सीन के महत्व को समझें और जानें कि यह कैंसर और अन्य बीमारियों से कैसे बचाव करती है। विशेषज्ञों की सलाह और जानकारी के साथ अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित करें।

Key Takeaways

  • एचपीवी वैक्सीन महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • यह सर्वाइकल कैंसर और अन्य कैंसर से सुरक्षा प्रदान करती है।
  • वैक्सीनेशन का सही समय 9-14 साल है, लेकिन इसे 45 साल तक लगवाया जा सकता है।
  • यदि कोई पहले से संक्रमित है, तो वैक्सीन कारगर नहीं होगी।
  • वैक्सीनेशन के बाद नियमित कैंसर जांच आवश्यक है।

नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आयुष मंत्रालय समय-समय पर राष्ट्रीय टीकाकरण जागरूकता अभियान चलाता है। इस दौरान लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया जाता है। इसमें टीकों का महत्व और ये क्यों लगाए जाने चाहिए, इस बारे में लोगों को जागरूक कर उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

इसी सिलसिले में नोएडा स्थित सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर और गाइनेकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक ने एचपीवी वैक्सीन के बारे में राष्ट्र प्रेस से बात की। इसमें उन्होंने बताया कि क्यों ये वैक्सीन लगवानी चाहिए और यह कैंसर सहित किन बीमारियों से बचाती है।

डॉ. मीरा पाठक ने कहा, “एचपीवी कैंसर की वैक्सीन है। ये सर्वाइकल कैंसर को रोक सकती है। किसी भी प्रकार के कैंसर का टीका नहीं है, सिर्फ सर्वाइकल कैंसर का टीका ही उपलब्ध है। तो इस कैंसर को रोका जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर भारत में पाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर का प्रकार है।”

उन्होंने आगे कहा, “मगर एचपीवी वैक्सीन हर उस कैंसर से बचाव करती है जो ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के इंफेक्शन की वजह से होता है। ये वायरस महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। ये वलवल या वेजाइनल कैंसर भी बनाता है। पुरुषों में ये पिनाइल कैंसर का कारण बनता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों में एनल और ऑरोफेरिंजियल कैंसर की वजह भी यही वायरस है।”

इसके अलावा, डॉ. मीरा ने बताया कि ह्यूमन पैपिलोमा वायरस की वजह से कैंसर के अतिरिक्त भी एक बीमारी होती है। इसे जेनाइटल वार्ट्स कहते हैं। इस तरह एचपीवी वैक्सीन इन सारे कैंसर और इस बीमारी से भी लोगों का बचाव करती है।

डॉक्टर ने ये भी बताया कि एचपीवी वैक्सीन महिला और पुरुष दोनों के लिए उपलब्ध है, इसे दोनों लगवा सकते हैं। विदेशों में तो सभी इसे लगवा रहे हैं, लेकिन भारत में सिर्फ लड़कियों को इसे लगवाने पर जोर दिया जाता है क्योंकि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर अधिक पाया जाता है।

यह वैक्सीन कब लगवानी चाहिए, इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “एचपीवी वैक्सीन को 9-14 साल की उम्र में लगवाना उपयुक्त माना जाता है, मगर इसे 45 साल की उम्र तक कभी भी लगवाया जा सकता है। जल्दी लगवाने पर इसकी दो डोज लगती हैं, मगर बड़े होने के बाद (9-14 साल) लगवाने पर इसके तीन डोज लगाने पड़ते हैं।”

इस टीके को लगवाते समय दो बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर पहले ही ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से संक्रमित हो चुके हैं तो ये वैक्सीन कारगर नहीं होती है। महिलाएं एचपीवी वैक्सीन लगवाने के बाद भी सर्वाइकल कैंसर की जांच करवाती रहें।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि एचपीवी वैक्सीन न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। यह टीका कैंसर के खिलाफ एक मजबूत रक्षा प्रदान करता है, और हमें इसे व्यापक रूप से अपनाना चाहिए।
NationPress
20/08/2025

Frequently Asked Questions

एचपीवी वैक्सीन किस उम्र में लगवानी चाहिए?
एचपीवी वैक्सीन को 9-14 साल की उम्र में लगवाना सबसे उचित है, लेकिन इसे 45 साल की उम्र तक भी लगवाया जा सकता है।
क्या एचपीवी वैक्सीन से सभी प्रकार के कैंसर का बचाव होता है?
नहीं, एचपीवी वैक्सीन मुख्य रूप से सर्वाइकल कैंसर से बचाती है, लेकिन यह अन्य कैंसर जैसे एनल और ऑरोफेरिंजियल कैंसर से भी सुरक्षा देती है।
क्या पुरुषों को भी एचपीवी वैक्सीन लगवानी चाहिए?
हाँ, एचपीवी वैक्सीन पुरुषों के लिए भी उपलब्ध है और यह पिनाइल कैंसर से बचाव करती है।
क्या एचपीवी वैक्सीन लगाने के बाद भी कैंसर की जांच करवानी चाहिए?
हाँ, एचपीवी वैक्सीन लगाने के बाद भी महिलाओं को नियमित रूप से सर्वाइकल कैंसर की जांच करवानी चाहिए।
एचपीवी वैक्सीन कितनी डोज में लगती है?
यदि वैक्सीन 9-14 साल की उम्र में लगाई जाती है, तो इसकी दो डोज लगती हैं। अन्यथा, इसके तीन डोज लगते हैं।