क्या जावित्री सिर्फ खुशबूदार मसाला है या सेहत का भी ख्याल रखती है?

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क्या जावित्री सिर्फ खुशबूदार मसाला है या सेहत का भी ख्याल रखती है?

सारांश

जावित्री, एक अद्भुत मसाला है जो न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी है। जानिए इसके अद्भुत गुण और उपयोग के तरीके।

Key Takeaways

  • जावित्री जायफल का बाहरी आवरण है।
  • यह पाचन और शरीर की गर्माहट में सहायक है।
  • पुरानी औषधियों में इसका उपयोग होता है।
  • अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है।
  • जावित्री का उपयोग विभिन्न समस्याओं के लिए किया जाता है।

नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जावित्री वास्तव में जायफल का बाहरी लाल रंग का आवरण है। इसका स्वाद हल्का तीखा और अत्यंत खुशबूदार होता है, जिससे इसे मसालों में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त है। आयुर्वेद में इसे गर्म तासीर वाला माना गया है। आमतौर पर कहें तो जावित्री शरीर को गर्माहट प्रदान करती है और पाचन को बेहतर बनाती है।

यह न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि आपकी सेहत का भी ध्यान रखती है। प्राचीन समय से लोग इसे मन को प्रसन्न रखने, भूख बढ़ाने और शरीर को हल्का महसूस कराने के लिए उपयोग में लाते आ रहे हैं।

पुरानी घरेलू उपचार विधियों में, जावित्री का उपयोग पेशाब की अधिकता या बार-बार आने वाली समस्या में किया जाता था। लोग इसका थोड़ा-सा चूर्ण, खांड या मिश्री के साथ, पानी या दूध में मिलाकर सेवन करते थे। नपुंसकता जैसी समस्याओं के लिए भी पुराने वैद्य जावित्री, जायफल, बड़ी इलायची और थोड़ी सी अफीम मिलाकर औषधि का उपयोग करते थे, लेकिन आजकल ऐसे मिश्रण बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेने चाहिए।

श्वास या दमे की समस्याओं में जावित्री को पान में रखकर खाने की प्रथा भी रही है। दांत के दर्द में इसे माजूफल और कुटकी के साथ उबालकर कुल्ला करने के लिए कहा जाता था।

दस्त, पेचिश या बार-बार टट्टी होने पर जावित्री को छाछ या दही के साथ लेने की परंपरा भी रही है। गठिया यानी जोड़ों के दर्द में जावित्री के साथ सोंठ का सेवन गर्म पानी के साथ लाभकारी होता है। हृदय को मजबूत बनाने के लिए दालचीनी, अकरकरा और जावित्री का चूर्ण शहद के साथ लेने की सलाह दी जाती थी।

चेचक (मसूरिका/माता) जैसी बीमारियों में भी इसे बहुत बारीक पीसकर छोटी मात्रा में देने की पुरानी मान्यता है।

ध्यान देने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जावित्री का अधिक मात्रा में सेवन आपके लिए हानिकारक हो सकता है। इससे सिरदर्द या घबराहट जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।

Point of View

बल्कि सेहत को भी कई तरह से लाभ पहुंचाता है। देशभर में इसके उपयोग की प्रथा ने इसे एक खास स्थान दिलाया है।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

जावित्री का मुख्य लाभ क्या है?
जावित्री का मुख्य लाभ पाचन को बेहतर बनाना और शरीर को गर्माहट प्रदान करना है।
क्या जावित्री का सेवन हानिकारक हो सकता है?
हां, जावित्री का अधिक मात्रा में सेवन सिरदर्द और घबराहट जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकता है।
जावित्री का उपयोग किस प्रकार किया जाता है?
जावित्री का उपयोग चूर्ण के रूप में, पान में रखकर या दही के साथ किया जा सकता है।
क्या जावित्री से नपुंसकता का इलाज किया जा सकता है?
पुराने समय में जावित्री का उपयोग नपुंसकता के उपचार में किया जाता था, लेकिन आज इसे डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए।
क्या जावित्री का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
गर्भवती महिलाओं को जावित्री का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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