क्या सर्दियों में नमकीन और तला खाने की आदत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है?
सारांश
Key Takeaways
- नमक का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- सर्दियों में भूख बढ़ने से नमकीन और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ता है।
- हाई बीपी और किडनी की समस्याओं से बचने के लिए नमक का सेवन सीमित करें।
- स्वाद को बढ़ाने के लिए काला नमक और नींबू का उपयोग करें।
- अधिक पानी पीने से शरीर में नमक का संतुलन बनाए रखें।
दिल्ली, 03 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों में भूख में वृद्धि होती है, क्योंकि पाचन अग्नि की गति दोगुनी हो जाती है। इस दौरान तले हुए, भुने और नमकीन खाने की इच्छा बढ़ जाती है।
काम के समय नमकीन और चाय का सेवन अब सभी की जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार नमक से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? हमें यह भी एहसास नहीं होता कि हम कितनी मात्रा में नमक का सेवन कर रहे हैं। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों इस बात को स्वीकार करते हैं कि अत्यधिक नमक का सेवन स्वास्थ्य को ख़राब कर सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार, उचित मात्रा में नमक सेवन फायदेमंद है, लेकिन अत्यधिक सेवन बीमारियों का कारण बन सकता है। ज्यादा नमक का सेवन हाई बीपी और दिल से संबंधित रोगों का कारण बनता है। यह पित्त और कफ को असंतुलित कर देता है, जिससे जोड़ों में दर्द की समस्या उत्पन्न होती है। आइए जानते हैं कि नमक का अत्यधिक सेवन करने के क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं:
नमक का अधिक सेवन किडनी की कार्यक्षमता पर असर डालता है। अगर लंबे समय तक नमक या नमक से बनी चीजों का सेवन किया जाए तो किडनी को भारी नुकसान हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किडनी को सोडियम को छानने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे किडनी पर लगातार दबाव बढ़ता है, जो उसे ख़राब कर सकता है।
नमक का सेवन हाई बीपी और शरीर की सूजन को बढ़ाने का काम करता है। सोडियम की मात्रा रक्त में पानी की मात्रा को बढ़ा देती है, जिससे कोशिकाओं पर अधिक दबाव बढ़ता है। इससे बीपी बढ़ने लगता है। बीपी के साथ-साथ शरीर पर सूजन भी बढ़ती है। जब किडनी पर बोझ बढ़ता है, तो चेहरे पर, आंखों के नीचे, और पैरों में सूजन आने लगती है, जो इस बात का संकेत है कि किडनी ठीक से काम नहीं कर रही।
अधिक नमक का सेवन हड्डियों को भी कमजोर करता है और पेट में जलन पैदा करता है। जब शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है, तो शरीर में मूत्र के माध्यम से कैल्शियम निकलने लगता है, जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इससे जोड़ों में दर्द और घुटनों में परेशानी हो सकती है।
इससे बचने के लिए, नमक का सेवन कम करें। खाने में काला नमक का उपयोग कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि खाने में नमक कम है, तो ऊपर से काले नमक का उपयोग करें या स्वाद को बढ़ाने के लिए नींबू भी डाल सकते हैं। इसके अलावा, सब्जियों में थोड़ा सेंधा नमक भी मिला सकते हैं। शरीर में अधिक नमक को संतुलित रखने के लिए, पानी की उचित मात्रा पीते रहें।