क्या उबली दाल या तड़के वाली दाल में है सेहत का असली खजाना?
सारांश
Key Takeaways
- उबली दाल सेहत के लिए फायदेमंद है।
- यह प्रोटीन और फाइबर का समृद्ध स्रोत है।
- उबली दाल का सेवन रोजाना करें।
- यह बीपी को नियंत्रित रखने में मदद करती है।
- बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष लाभकारी है।
नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय परंपरागत थाली दाल के बिना अधूरी मानी जाती है। दाल को लगभग सभी भारतीय घरों में तड़के के साथ पकाया जाता है, लेकिन विज्ञान और आयुर्वेद दोनों का मानना है कि उबली दाल यानी बिना तड़के के, शरीर को अधिक ऊर्जा और प्रोटीन प्रदान करती है।
उबली दाल खाने से मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है और यह फाइबर, मिनरल्स और अमीनो एसिड से भरपूर होती है।
आयुर्वेद में उबली दाल को सात्त्विक प्रोटीन के स्रोत के रूप में माना जाता है, क्योंकि यह गुणों से समृद्ध और पाचन में सहायक होती है। यदि प्रतिदिन उबली दाल का सेवन किया जाए तो यह शरीर में कई बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती है। आमतौर पर घरों में मसालों और तड़के के साथ दाल बनाई जाती है, जिससे इसका स्वाद तो बढ़ता है लेकिन यह औषधीय गुण खो देती है। इसीलिए वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से उबली दाल को ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
आंतों के लिए उबली दाल का सेवन लाभकारी होता है। यदि आपको अधिक गैस, जलन या खाने के बाद पेट में दर्द होता है, तो कुछ समय के लिए उबली दाल का सेवन करना चाहिए। इससे आंतों को आराम मिलता है और मसालों से होने वाली गर्मी भी कम होती है। इसके अतिरिक्त, उबली दाल को पचाने में पेट को अधिक समय लगता है और इससे लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है।
जिन व्यक्तियों को बीपी बढ़ने की समस्या है, उनके लिए उबली दाल अमृत के समान है। इसमें लो सोडियम होता है, जिससे बीपी बढ़ने का खतरा कम होता है और यह हृदय रोगियों के लिए भी अच्छी होती है। बिना तड़के की दाल में कम कैलोरी होती है और तेल का उपयोग नहीं होता है। यह मेटाबॉलिज़्म को संतुलित करने में मदद करती है।
जब दाल को पकाकर उसमें मसालों का तड़का लगाया जाता है, तब मसालों के कारण प्रोटीन का संरचना बदल जाता है। इस प्रकार, जबकि उबली दाल में 100 प्रतिशत प्रोटीन मिलता है और यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाती है, वहीं मसालेदार दाल में प्रोटीन का प्रभाव कम होता है। उबली दाल का सेवन बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए लाभदायक होता है। सही मात्रा में प्रोटीन प्राप्त करने के लिए उबली दाल का सेवन आवश्यक है।