क्या आपको पेट की जिद्दी चर्बी और कब्ज से छुटकारा पाना है? रोजाना करें 'भुजंगासन'!
सारांश
Key Takeaways
- भुजंगासन तनाव और कब्ज को कम करने में मदद करता है।
- यह पीठ दर्द और श्वसन नली की समस्याओं को दूर करता है।
- सभी उम्र के लोग इसे कर सकते हैं।
- योग की नियमितता से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- डॉक्टर से सलाह लें यदि कोई गंभीर समस्या है।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल की व्यस्त जीवनशैली, कामकाजी दबाव, ट्रैफिक, और घरेलू जिम्मेदारियों के चलते लोगों में थकान, तनाव, पेट की जिद्दी चर्बी और कब्ज जैसी दिक्कतें आम हो गई हैं। ऐसे में योग एक प्रभावी समाधान हो सकता है, जिसमें से एक प्रमुख आसन है भुजंगासन।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह आसन तनाव को कम करने, पेट की जिद्दी चर्बी को पिघलाने और कब्ज जैसी पाचन समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है। यह योग पीठ दर्द, साइटिका और श्वसन तंत्र की समस्याओं से राहत दिलाने में भी सहायक है। यह हर आयु वर्ग के लिए लाभकारी है।
भुजंगासन को कोबरा पोज या सर्पासन भी कहा जाता है। यह सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से आठवें स्थान पर आता है। आयुष मंत्रालय ने इस आसन के बारे में जानकारी प्रदान की है, जिसमें बताया गया है कि भुजंग का अर्थ है ‘सर्प’ या ‘नाग’। इस आसन में शरीर की आकृति सर्प के फन की तरह ऊपर उठती है, इसलिए इसे भुजंगासन कहा गया है।
यह आसन तनाव को कम करने, चर्बी घटाने और कब्ज को दूर करने में सहायक है। साथ ही, यह पीठ दर्द व श्वसन नली से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है।
भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं और अपनी दोनों हथेलियों को जांघों के पास जमीन की तरफ रखें, ध्यान रखें कि आपके दोनों टखने एक-दूसरे को छूते रहें।
अब दोनों हाथों को कंधे के बराबर लाएं और हथेलियों को जमीन की तरफ रखें। शरीर का वजन हथेलियों पर डालें, धीरे-धीरे सांस खींचते हुए सिर को उठाएं और पीठ की तरफ खींचें। ध्यान दें कि इस समय आपकी कुहनी मुड़ी हुई होनी चाहिए। फिर सिर को पीछे की ओर ले जाएं और अपनी छाती को आगे की ओर निकालें। अंत में पुन: प्रारंभिक अवस्था में आकर अपनी क्षमता के अनुसार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
यदि आपको पीठ दर्द, हाल की सर्जरी, रीढ़ की गंभीर समस्या या मासिक धर्म के दौरान दिक्कत है, तो यह आसन न करें। डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। योग को अपनाकर हम एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।