क्या सहजन पोषण का पावरहाउस है? जानें खास निर्देश

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क्या सहजन पोषण का पावरहाउस है? जानें खास निर्देश

सारांश

उत्तर प्रदेश में पौधारोपण का नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। इस बार 35 करोड़ पौधों का लक्ष्य रखा गया है। सहजन के पौधे लगाने पर जोर दिया जा रहा है। जानें सहजन के औषधीय गुण और इसके पौधारोपण के महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • सहजन में पोषण के अद्भुत गुण होते हैं।
  • पौधारोपण का अभियान पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन आंदोलन बनाने की बात कही है।
  • सहजन का उपयोग स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
  • दक्षिण भारत में सहजन की खेती होती है।

लखनऊ, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में हर बार की तरह इस बार भी पौधारोपण का नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की जा रही है। वन महोत्सव के तहत यह अभियान एक जुलाई से आरंभ होगा। इस बार लक्ष्य 35 करोड़ पौधों का है। वर्ष 2024 में भी इसी संख्या का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन उस वर्ष अधिक मात्रा में पौधारोपण हुआ था। इस साल भी नर्सरी में तैयार पौधों की संख्या और योगी सरकार की तैयारियों को देखते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2025 के अभियान में भी एक नया रिकॉर्ड स्थापित होगा।

हर साल लगभग इसी समय पर किए जाने वाले पौधारोपण का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में हरियाली बढ़ाना, पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाना, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करना और विभिन्न प्रकार के पौधे (फलदार, छायादार, औषधीय और इमारती) लगाकर अधिकतम जैव विविधता सुनिश्चित करना है। इस बहुआयामी महत्व को देखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे जन आंदोलन के रूप में विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने कई बार कहा है, "पर्यावरण संरक्षण केवल शासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। 2030 तक प्रदेश के हरित आवरण को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का हमारा लक्ष्य तभी पूरा होगा जब वृक्षारोपण एक जन आंदोलन का रूप ले।"

यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 के पौधारोपण अभियान के दौरान सहजन के लगभग 55 लाख पौधे लगाए गए थे। वर्ष 2025 के लिए यह संख्या लगभग इसी स्तर पर रहने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों और आंगनबाड़ी केंद्रों में सहजन के पौधे बांटने का आदेश दे चुके हैं। इसके साथ ही, विकास के मानकों पर पिछड़े आकांक्षात्मक जिलों में हर परिवार को सहजन के कुछ पौधे लगाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।

सहजन के औषधीय और पोषण संबंधी गुणों के चलते वाराणसी के स्वास्थ्य विभाग ने एक अनुकरणीय पहल की है। इसके तहत हर सामुदायिक, प्राथमिक और हेल्थ सब सेंटर्स पर सहजन के दो-दो पौधे लगाए जाएंगे। इसकी शुरुआत हाल ही में हो चुकी है। दो वर्ष पूर्व, केंद्र ने राज्यों को निर्देशित किया था कि वे पीएम पोषण योजना में स्थानीय स्तर पर उगने वाले पोषक तत्वों से भरपूर पालक, अन्य शाक-भाजी एवं फलियों के साथ सहजन को भी शामिल करें।

विशेषज्ञों का मानना है कि सहजन केवल एक पौधा नहीं है, बल्कि यह पोषण का पावरहाउस है। इसकी पत्तियों और फलियों में 300 से अधिक रोगों की रोकथाम करने की क्षमता होती है। इसमें 92 प्रकार के विटामिन, 46 प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट, 36 प्रकार के दर्द निवारक और 18 प्रकार के एमिनो एसिड पाए जाते हैं। इसके अलावा, सहजन में विटामिन सी- संतरे से सात गुना, विटामिन ए- गाजर से चार गुना, कैल्शियम- दूध से चार गुना, पोटैशियम- केले से तीन गुना, और प्रोटीन- दही से तीन गुना अधिक होता है।

दक्षिण भारत के राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में इसकी खेती की जाती है। साथ ही, इसकी फलियों और पत्तियों का कई तरह से उपयोग भी किया जाता है। तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने पीकेएम-1 और पीकेएम-2 नामक दो प्रजातियां विकसित की हैं। पीकेएम-1 यहां के कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुकूल है और इसे हर प्रकार की भूमि पर उगाया जा सकता है। इसे केवल सूरज की भरपूर रोशनी की आवश्यकता होती है। सहजन की विशेषताएँ यहीं समाप्त नहीं होतीं। इसके हरी या सूखी पत्तियों का उपयोग चारे के रूप में पशुओं के दूध में डेढ़ गुना से अधिक और वजन में एक तिहाई से अधिक की वृद्धि की रिपोर्ट है। इसके अलावा, इसकी पत्तियों का रस पानी में मिलाकर फसलों पर छिड़कने से उपज में सवाया से अधिक की वृद्धि होती है।

Point of View

यह कहना उचित है कि सहजन न केवल पोषण में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। पौधारोपण की यह पहल न केवल हरियाली बढ़ाएगी, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगी।
NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

सहजन के औषधीय गुण क्या हैं?
सहजन में 300 से अधिक रोगों की रोकथाम करने की क्षमता होती है, इसके साथ ही इसमें 92 प्रकार के विटामिन और कई अन्य पोषक तत्व होते हैं।
पौधारोपण का लक्ष्य क्या है?
उत्तर प्रदेश में इस वर्ष का पौधारोपण लक्ष्य 35 करोड़ पौधों का है।
सहजन के पौधे कहाँ लगाए जा रहे हैं?
सहजन के पौधे सामुदायिक, प्राथमिक और हेल्थ सब सेंटर्स पर लगाए जा रहे हैं।