क्या सर्दियों में इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आसान उपाय हैं?
सारांश
Key Takeaways
- संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन-सी और प्रोटीन हो।
- विटामिन-डी का सेवन करें, खासकर धूप की कमी के दौरान।
- नियमित व्यायाम करें, जैसे योग और स्ट्रेचिंग।
- पर्याप्त नींद लें, जिससे इम्यून कोशिकाएं मजबूत हों।
- स्वच्छता
नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों का मौसम ठंडी हवाओं, गिरते तापमान और लगातार बदलते वातावरण के साथ आता है। ये परिवर्तन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, जिससे इस मौसम में सर्दी-जुकाम, वायरल संक्रमण, खांसी और फ्लू जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है।
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि ठंड के मौसम में हमारी नाक की कोशिकाओं की रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है। इसीलिए, इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ दैनिक परिवर्तन हमें मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं और शरीर को प्राकृतिक रूप से संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार कर सकते हैं।
सर्दियों में संतुलित आहार लेना महत्वपूर्ण है। गर्मागर्म और पोषण से भरपूर भोजन न केवल शरीर को ऊर्जा देते हैं बल्कि इम्यून सिस्टम को भी सक्रिय करते हैं। विटामिन-सी से भरपूर फल जैसे संतरे, नींबू, आंवला और कीवी को अपने आहार में शामिल करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर में एंटीऑक्सिडेंट का कार्य करते हैं और प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मजबूत बनाते हैं। विटामिन-डी की कमी भी इस मौसम में आम होती है। इसलिए थोड़ी देर धूप लेना और अंडे, मशरूम और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद होता है। प्रोटीन का अच्छा स्रोत—जैसे दालें, अंडा, दूध और मेवे—भी शरीर में एंटीबॉडी बनाने में मदद करते हैं, जिससे संक्रमण का असर कम होता है।
इस मौसम में पानी कम पिया जाता है, जबकि शरीर को हाइड्रेशन की उतनी ही जरूरत होती है। ठंडी हवा त्वचा और श्वास तंत्र को सुखा देती है, जिससे वायरस सक्रिय हो जाते हैं। गुनगुना पानी, सूप, हर्बल चाय और काढ़ा न केवल हाइड्रेशन बनाए रखते हैं बल्कि शरीर को गर्माहट भी देते हैं। अदरक, तुलसी, दालचीनी और हल्दी जैसे प्राकृतिक तत्वों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुण होते हैं जो इम्यून सिस्टम को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं।
अमेरिकी की क्राइटन यूनिवर्सिटी के एक क्लीनिकल ट्रायल में साबित हुआ है कि विटामिन डी का उचित मात्रा में सेवन इम्यूनिटी के लिए लाभकारी हो सकता है। लगभग 25 रैंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल्स में 10,933 प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिसमें पाया गया कि नियमित रूप से विटामिन डी सप्लीमेंट लेने वालों में तीव्र श्वसन संक्रमण का जोखिम लगभग 19 प्रतिशत कम था।
सर्दियों में जब धूप कम मिलती है और विटामिन-डी का स्तर गिर सकता है, तब इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन-डी का स्तर बनाए रखना प्रतिरोधक क्षमता के लिए लाभकारी हो सकता है।
नियमित व्यायाम भी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का एक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित तरीका है। यदि अत्यधिक ठंड में बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, तो घर पर हल्का वर्कआउट, योग, सूर्य नमस्कार या 20-30 मिनट की स्ट्रेचिंग करने से शरीर में रक्त संचार सुधरता है। व्यायाम करते समय शरीर साइटोकाइन्स नामक प्रोटीन छोड़ता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा, पर्याप्त नींद लेना भी उतना ही आवश्यक है। शोध के अनुसार, नींद की कमी से शरीर “इम्यून कोशिकाएं” कम बनने लगता है, जिससे संक्रमण का खतरा दोगुना बढ़ सकता है।
सर्दियों में स्वच्छता का ध्यान रखना भी बेहद महत्वपूर्ण है। हाथ धोना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना और खांसी-जुकाम वाले व्यक्तियों से दूरी बनाना संक्रमण के फैलाव को रोकने में सहायक है। जिन लोगों को अस्थमा, एलर्जी या पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियां हैं, उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपायों का पालन करना चाहिए। बुजुर्ग, बच्चे और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग सर्दियों में विशेष जोखिम समूह में आते हैं और इन्हें आहार, नींद और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।