क्या सर्दियों में मोजे पहनने के बावजूद पैर ठंडे रहते हैं? जानें घरेलू उपाय जो तुरंत राहत देंगे!
सारांश
Key Takeaways
- गर्म पानी में पैर डालने से राहत मिलती है।
- हीटिंग पैड का उपयोग करें।
- तेल मालिश से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है।
- आहार में आयरन और विटामिन बी 12 शामिल करें।
- पैरों को पर्याप्त गतिविधि दें।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों के मौसम में ठंडी हवा, बारिश और ओस का असर केवल चेहरे और हाथों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह पैरों को भी प्रभावित करता है। कई लोगों को ऊनी मोजे या गर्म जूते पहनने के बावजूद उनके पैरों का तलवा इतनी तेजी से ठंडा हो जाता है कि वह बर्फ जैसा महसूस होता है। इसका मुख्य कारण शरीर में रक्त और ऑक्सीजन की कमी है।
जब पैरों तक पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं पहुँचती, तो वे ठंडे और सुन्न हो जाते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कुछ आसान और प्रभावी घरेलू उपाय हैं। ये उपाय न केवल पैरों को गर्म रखते हैं, बल्कि रक्त परिसंचरण को भी सुधारते हैं।
गर्म पानी: पैरों की ठंडक को दूर करने का सरल उपाय है उन्हें गर्म पानी में डुबोकर रखना। गर्म पानी से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और मांसपेशियों की अकड़न कम होती है। पानी में थोड़ा सा नमक मिलाने से थकान और ठंडक दोनों में राहत मिलती है। इसके अलावा, गर्म कपड़े या तौलिये से पैरों को सेकना भी लाभदायक होता है।
हीटिंग पैड: एक और सरल और प्रभावी उपाय है हीटिंग पैड। यदि पैरों का तलवा लगातार ठंडा रहता है, तो हीटिंग पैड इसे जल्दी गर्म करने में मदद करता है। सोने से पहले पैरों को हीटिंग पैड से सेकने से मांसपेशियों में खिंचाव कम होता है और रक्त प्रवाह बेहतर होता है। बाहर जाने से पहले पैरों को हीटिंग पैड से गर्म करना फायदेमंद होता है। यह आजकल ऑनलाइन या बाजार में आसानी से उपलब्ध है।
तेल मालिश: पैरों में गर्मी लौटाने का एक और प्रभावी उपाय है तेल मालिश। सरसों के तेल में थोड़ी मात्रा में अजवाइन मिलाकर उसे हल्का गर्म करें और पैरों के तलवों पर मालिश करें। इससे रक्त परिसंचरण बढ़ता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार होता है। नियमित मालिश से ठंडक और सुन्नपन दोनों में कमी आती है।
सही आहार: कभी-कभी पैरों की ठंडक पोषण की कमी के कारण होती है। विशेषकर आयरन की कमी होने पर पैरों में ठंडक और सुन्नपन महसूस होता है। इसलिए आहार में आयरन युक्त भोजन जैसे हरी सब्जियाँ, पालक और दालें शामिल करना आवश्यक है। इसके साथ ही, विटामिन बी 12 रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है, जिससे रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार होता है।
इसके अलावा, पैरों की गतिविधियों को बनाए रखें, बहुत लंबे समय तक खड़े या बैठे न रहें। जूते और मोजे हमेशा सही साइज के पहनें, ताकि रक्त परिसंचरण बाधित न हो।