क्या राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 में डॉ. बिभु आनंद ने स्वस्थ भारत के लिए संतुलित आहार को बताया जरुरी?

Click to start listening
क्या राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 में डॉ. बिभु आनंद ने स्वस्थ भारत के लिए संतुलित आहार को बताया जरुरी?

सारांश

जानिए कैसे राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 लोगों को स्वस्थ खानपान की आदतें अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। डॉ. बिभु आनंद के मार्गदर्शन में यह अभियान कुपोषण से लड़ने और स्वस्थ जीवनशैली के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।

Key Takeaways

  • राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का उद्देश्य संतुलित आहार को बढ़ावा देना है।
  • डॉ. बिभु आनंद ने पोषण कार्यशालाओं की आवश्यकता पर जोर दिया है।
  • सोशल मीडिया जागरूकता का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने की आवश्यकता है।
  • कुपोषण मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में 1 से 7 सितंबर तक 'राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025' मनाने का आयोजन किया जा रहा है, जिसका मुख्य विषय है- 'ईट राइट फॉर ए बेटर लाइफ' (बेहतर जीवन के लिए सही खानपान)। यह अभियान लोगों को संतुलित आहार, स्वस्थ खानपान की आदतें, कुपोषण की रोकथाम और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचाने के लिए जागरूक करने का प्रयास करता है। सर गंगा राम अस्पताल के डॉ. बिभु आनंद ने राष्ट्र प्रेस के साथ इस अभियान के बारे में विस्तार से चर्चा की।

डॉ. आनंद ने बताया कि भारत में कुपोषण एक गंभीर समस्या है। 1975 में एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से माताओं और बच्चों को पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी जाने लगी। 1983 में भारत सरकार ने पहली बार राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की शुरुआत की, जो हर साल 1 से 7 सितंबर तक मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जनता को संतुलित आहार और स्वच्छ जीवनशैली के बारे में जानकारी देना है। मार्च 2018 में शुरू हुए राष्ट्रीय पोषण अभियान को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसे कार्यक्रमों से जोड़ा गया, जिसका लक्ष्य 2022 तक कुपोषण, एनीमिया, जन्म के समय कम वजन और बच्चों की वृद्धि रुकने जैसी समस्याओं को कम करना था। सितंबर 2018 से सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है, जिसमें जागरूकता रैलियां, स्कूल-कॉलेज कार्यक्रम, किचन गार्डन और हेल्दी फूड प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं।

डॉ. आनंद ने लोगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "स्थानीय स्तर पर ग्राम सभाओं, स्वास्थ्य शिविरों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण कार्यशालाएं आयोजित की जा सकती हैं। क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्तियों जैसे प्रधान, नेताओं और सामाजिक प्रभावशाली व्यक्तियों के जरिए आम लोगों तक पहुंच बनाई जा सकती है।" उन्होंने सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए इंटरैक्टिव गतिविधियों जैसे क्विज, निबंध लेखन, रेसिपी प्रतियोगिताओं और हेल्दी थाली प्रतियोगिताओं का सुझाव दिया।

सोशल मीडिया को जागरूकता फैलाने का एक प्रभावी माध्यम बताते हुए उन्होंने कहा, "युवा और शहरी वर्ग सोशल मीडिया से जुड़े हैं। रील्स और छोटे वीडियो के जरिए लोगों तक तेजी से पहुंचा जा सकता है, लेकिन अप्रमाणित जानकारी से बचना जरूरी है।" उन्होंने सरकार से पोषण शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करने, हेल्दी कुकिंग डेमो और किचन गार्डन प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने की अपील की। मिड-डे मील में सुधार और संतुलित भोजन की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया।

डॉ. आनंद ने डिजिटल हेल्थ ऐप्स की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, "ये ऐप्स व्यक्तिगत जानकारी जैसे आयु, वजन और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर कैलोरी, प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की जरूरत बताते हैं। इससे दैनिक कैलोरी इनटेक, व्यायाम और कदमों की संख्या की जानकारी मिलती है।"

ग्रामीण क्षेत्रों की चुनौतियों पर उन्होंने कहा, "कम साक्षरता और परंपरागत मान्यताएं कुपोषण का कारण बनती हैं। जैसे, गर्भवती महिलाओं को कम खाने की गलत धारणा के चलते नवजात शिशु कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। महिला शिक्षा और निर्णय क्षमता की कमी भी एक बड़ी समस्या है।" ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित पहुंच और आंगनबाड़ी केंद्रों के विकास की जरूरत पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए विचार-विमर्श की आवश्यकता है।

डॉ. आनंद ने आशा जताई कि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह में सभी लोग सक्रिय भागीदारी करेंगे। उन्होंने कहा, "यह अभियान कुपोषण मुक्त भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्कूलों में पोषण शिक्षा, प्रैक्टिकल और डिजिटल उपकरणों का उपयोग इस दिशा में प्रभावी हो सकता है।"

यह सप्ताह स्वास्थ्य और कुपोषण मुक्त भारत के लिए सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है।

Point of View

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देशवासियों को स्वस्थ खानपान के प्रति जागरूक करना है। यह कार्यक्रम केवल एक अभियान नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक प्रयास है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य लोगों को संतुलित आहार, स्वस्थ खानपान की आदतें, कुपोषण रोकथाम और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करना है।
डॉ. बिभु आनंद ने इस अभियान में क्या सुझाव दिए?
उन्होंने सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए इंटरैक्टिव गतिविधियों और स्थानीय स्वास्थ्य शिविरों का सुझाव दिया।
कुपोषण के खिलाफ क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
कुपोषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने और पोषण शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।