क्या ठंड के मौसम में पुदीना जरूरी है? जानें सर्दी-जुकाम में कैसे दिलाता है राहत
सारांश
Key Takeaways
- पुदीना सर्दियों में कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
- यह कफ और पाचन समस्याओं में राहत देता है।
- पुदीना त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है।
नई दिल्ली, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पुदीना को अक्सर गर्मियों का पौधा माना जाता है, लेकिन आयुर्वेद और आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान दर्शाते हैं कि ठंड के मौसम में भी यह शरीर को कई प्रकार से लाभ पहुंचा सकता है। इसकी तासीर भले ही ठंडी मानी जाती हो, लेकिन इसके अंदर मौजूद औषधीय तत्व सर्दी से संबंधित अनेक समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी सुझाव देते हैं कि सीमित मात्रा में पुदीना सर्दियों में भी भोजन और दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार, पुदीना कफ को संतुलित करने, पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और शरीर की प्राकृतिक सफाई में सहायक होता है। इसका मुख्य गुण दीपन और पाचन यानी भूख को बढ़ाने और पाचन सुधारने वाला माना गया है। इसमें मौजूद मेंथॉल, एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन ए, आयरन, फाइबर, फ्लेवोनॉइड्स और कई प्रकार के एंटीमाइक्रोबियल तत्व शरीर के लिए सुरक्षा कवच की तरह कार्य करते हैं।
विज्ञान के अध्ययनों में देखा गया है कि मेंथॉल श्वसन नलियों को खोलने में मदद करता है, जिससे बंद नाक या गले में जमा बलगम से राहत मिलती है। यही कारण है कि बाजार में उपलब्ध कई खांसी की गोलियों, सिरप और बाम में पुदीने का अर्क इस्तेमाल किया जाता है।
सर्दियों में अक्सर लोग पाचन धीमा होने, गैस, भारीपन, खट्टे डकार और अपच की समस्याओं से परेशान रहते हैं। पुदीना ऐसी स्थितियों में पाचन एंजाइमों को सक्रिय करने में मदद करता है, जिससे भोजन आसानी से पचता है और गैस बनने की संभावना कम होती है। यह आंतों की मांसपेशियों पर प्रभाव डालता है, जिससे पेट में ऐंठन कम होती है।
कुछ शोध यह भी बताते हैं कि पुदीने में मौजूद तत्व इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसी परेशानियों में भी राहत दे सकते हैं, हालांकि इसके लिए व्यक्ति की स्थिति के अनुसार विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक होती है।
सर्दी-जुकाम और गले की खराश सर्दियों में सामान्य समस्या है। पुदीना इस स्थिति में दो तरीकों से मदद करता है, पहला, इसका मेंथॉल गले में जमा कफ को कम करता है। दूसरा, इसकी हल्की सूजन-रोधी प्रकृति गले के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होती है। कई लोग पुदीने की पत्तियां या पुदीना तेल डालकर भाप लेते हैं, जिससे बंद नाक को आराम मिलता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, मेंथॉल तंत्रिकाओं पर कार्य करता है, जिससे सांस लेना सरल महसूस होता है।
पुदीना त्वचा के लिए भी सर्दियों में फायदेमंद माना जाता है। ठंड के मौसम में त्वचा रूखी होने लगती है और कभी-कभी एलर्जी या जलन भी महसूस होती है। पुदीने में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा पर ठंडक और राहत का अनुभव कराते हैं। आयुर्वेद में इसका उपयोग त्वचा की सफाई, दानों को कम करने और खुजली में शांति देने के लिए किया जाता रहा है।