क्या 26 दिसंबर 2003 और 2004 में प्रकृति ने रौद्र रूप दिखाया था? भूकंप और सुनामी में लाखों ने गंवाई जान
सारांश
Key Takeaways
- 26 दिसंबर को भूकंप और सुनामी की घटनाएँ हुईं।
- ईरान के बाम में 2003 का भूकंप विध्वंसक था।
- 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी ने 14 देशों को प्रभावित किया।
- इस घटना में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई।
- प्रकृति के प्रकोप के सामने हम सभी को एकजुट होना चाहिए।
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 26 दिसंबर उस भयावह घटना की याद दिलाता है, जब प्रकृति ने अपना प्रकोप दिखाया और भारी तबाही मचाई। यह दिन एक ऐसा मंजर पेश करता है, जब भूकंप ने पूरी दुनिया को हिला दिया।
26 दिसंबर 2003 को ईरान के बाम शहर में एक विध्वंसकारी भूकंप आया था। इसके बाद 26 दिसंबर 2004 को भूकंप और सुनामी की लहरों ने लगभग 14 देशों में तबाही मचाई और लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई।
इस दिन 2003 को, दक्षिण-पूर्वी ईरान के बाम में स्थानीय समयानुसार सुबह 5:26 बजे भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र केरमान प्रांत का बाम शहर था, जहां 6.3 की तीव्रता से धरती हिली थी। ईरानी अधिकारियों के अनुसार, इस भूकंप में 20,000 से अधिक लोगों की जान गई और लगभग 50,000 लोग घायल हुए।
बाम शहर पूरी तरह से तबाह हो गया, जहां 70 प्रतिशत घर ध्वस्त हुए। इस भूकंप को 2,000 वर्षों में सबसे बड़ा माना गया।
इसी दिन 2004 में एक और भयानक घटना घटी। 26 दिसंबर 2004 को, हिंद महासागर में एक भयंकर सुनामी आई। इंडोनेशिया के सुमात्रा तट पर समुद्र के नीचे 9.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद सुनामी ने तबाही मचाई।
भूकंप के झटके इंडोनेशिया, बांग्लादेश, भारत, मलेशिया, मालदीव, म्यांमार, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड में महसूस किए गए। इस घटना में कार निकोबार में भारतीय वायुसेना का बेस नष्ट हो गया। इस तबाही में 2,27,000 से अधिक लोगों की जानें गईं।
इसके अलावा, 17 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए। समुद्र से उठी इन लहरों की ऊंचाई 30 मीटर, यानी 100 फीट थी। अकेले इंडोनेशिया में 1.28 लाख लोग मारे गए। इस सुनामी के कुछ ही घंटों में भारत, श्रीलंका और इंडोनेशिया से सैकड़ों लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई। दक्षिणी तट से कई मछुआरे लापता हो गए, जिनके शव बाद में समुद्र से बहकर लौटे।
वर्ल्ड विजन के अनुसार, सुनामी की पहली बड़ी लहरें भूकंप के 15 या 20 मिनट के भीतर इंडोनेशिया के लगभग 3,00,000 लोगों वाले शहर बांदा आचेह तक पहुंच गई थीं।