क्या ऑपरेशन 'सागर बंधु' श्रीलंका में तबाही के बीच भारतीय सेना की मदद कर रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन 'सागर बंधु' का उद्देश्य श्रीलंका में राहत कार्य करना है।
- भारतीय सेना ने 1,250 से अधिक लोगों का उपचार किया है।
- बेली ब्रिज का निर्माण राहत कार्य में तेजी लाने के लिए किया गया है।
- चक्रवात 'दित्वाह' ने श्रीलंका में व्यापक तबाही मचाई है।
- भारत और श्रीलंका के बीच सहयोग को दर्शाता है।
कोलंबो, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह के कारण परिस्थितियाँ अत्यंत गंभीर हो गई हैं। लगातार बारिश, बाढ़ और कई स्थानों पर भूस्खलन ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सैकड़ों व्यक्तियों ने इस प्राकृतिक आपदा में अपनी जानें गंवाई हैं, कई घर बह गए, सड़कें टूट गईं और हजारों लोग प्रभावित हुए। ऐसी विषम स्थितियों में भारत ने श्रीलंका की सहायता के लिए ऑपरेशन सागर बंधु की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत भारतीय एनडीआरएफ, वायुसेना और सेना निरंतर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
रविवार को इस ऑपरेशन के संबंध में एक महत्वपूर्ण अपडेट आया। भारतीय सेना का फील्ड हॉस्पिटल श्रीलंका में लगातार कार्यरत है। अब तक यह हॉस्पिटल 1,250 से ज्यादा मरीजों का उपचार कर चुका है। इनमें सामान्य चोटों से लेकर गंभीर अवस्था के लोग भी शामिल हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डॉक्टरों ने मौके पर ही पांच बड़ी इमरजेंसी सर्जरी सफलतापूर्वक की हैं।
राहत प्रदान करने में केवल चिकित्सा ही नहीं, बल्कि सड़कें और संचार व्यवस्था भी अत्यंत आवश्यक होती हैं। बाढ़ के कारण कई स्थानों पर पुल बह गए थे, जिससे सहायता पहुंचाना कठिन हो गया। ऐसे में भारतीय सेना की इंजीनियरिंग टीम ने श्रीलंकाई प्रशासन के साथ मिलकर तीन बेली ब्रिज बनाए हैं। पहले सही स्थानों की पहचान की गई और फिर इन पुलों को तैयार किया गया।
श्रीलंका आर्मी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल लसंथा रोड्रिगो खुद भारतीय फील्ड हॉस्पिटल का दौरा करने पहुंचे। उन्होंने वहां तैनात चिकित्सा टीम से बातचीत की और उनकी सराहना की। उन्होंने प्रभावित समुदायों को आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में तेजी से मदद और प्रयासों के लिए भारत की प्रशंसा की।
भारत ने 28 नवंबर को चक्रवात दित्वाह के कारण श्रीलंका में उत्पन्न भीषण बाढ़, जनहानि और व्यापक तबाही के बाद तुरंत खोज एवं बचाव और मानवीय सहायता के लिए ऑपरेशन सागर बंधु प्रारंभ किया।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर ट्वीट कर बताया कि राहत कार्य लगातार जारी है। शनिवार को ऑपरेशन के तहत चौथा सी-17 विमान कोलंबो पहुंचा, जिसमें बेली ब्रिज से जुड़े लगभग 55 टन उपकरण, एक जेसीबी मशीन और इंजीनियर कोर के 13 विशेषज्ञ मौजूद थे।
बेली ब्रिज, पहले से तैयार, हल्का और मजबूत स्टील का पुल होता है, जिसे आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जल्दी से जोड़ा और लगाया जा सकता है।