क्या एस्टोनिया में रूसी विमानों की घुसपैठ पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने की आपात बैठक?

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क्या एस्टोनिया में रूसी विमानों की घुसपैठ पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने की आपात बैठक?

सारांश

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एस्टोनिया में रूसी लड़ाकू विमानों की कथित घुसपैठ पर एक आपात बैठक बुलाई है। क्या यह स्थिति और तनाव बढ़ाएगी? जानिए इस महत्वपूर्ण बैठक के सभी पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई है।
  • एस्टोनिया ने रूस पर आरोप लगाया है कि उसके विमानों ने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।
  • संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
  • अमेरिका ने नाटो क्षेत्र की रक्षा का संकल्प लिया है।
  • चीन ने बातचीत और संचार पर जोर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र, 23 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रूसी लड़ाकू विमानों की एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र में कथित घुसपैठ पर विचार करने के लिए एक आपात बैठक बुलाई।

यूरोप, मध्य एशिया और अमेरिका के लिए संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव मिरोस्लाव जेंका ने अपनी ब्रीफिंग में कहा कि विश्व निकाय इस घटना से सम्बंधित किसी भी दावे की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं है और उसके पास घटनाओं के बारे में कोई अन्य जानकारी नहीं है।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को संबोधित शनिवार को लिखे एक पत्र में, एस्टोनिया ने दावा किया है कि तीन रूसी मिग-31 लड़ाकू विमान शुक्रवार को एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में 10 किलोमीटर तक घुस आए और 12 मिनट तक वहां रहे।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को दावा किया कि उसके विमानों ने फिनलैंड की सीमा पर स्थित करेलिया से कैलिनिनग्राद के एक हवाई अड्डे तक अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र के नियमों का सख्ती से पालन करते हुए अपनी उड़ान भरी।

उन्होंने कहा, "हम सभी संबंधित पक्षों से जिम्मेदारी से काम करने, तनाव कम करने और क्षेत्रीय सुरक्षा को अधिक जोखिम से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करते हैं।" दुनिया इस तरह के खतरे को नियंत्रण से बाहर होते, यूक्रेन में विनाशकारी युद्ध के बढ़ने और विस्तार को बर्दाश्त नहीं कर सकती।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एस्टोनिया, सोमवार की बैठक में भाग लेने वाले अन्य यूरोपीय देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस पर एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने और तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया।

संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रथम उप-स्थायी प्रतिनिधि, दिमित्री पोल्यांस्की ने इस बात से इनकार किया कि रूसी जेट विमानों ने एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है।

उन्होंने यूरोपीय देशों पर 'रूसोफोबिया' का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "उनके (यूरोपीय नेताओं के) प्रयासों से, हमारे देश के प्रति मध्ययुगीन जैसी नफरत और रूस को अखिल यूरोपीय सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरे के रूप में चित्रित करने की आकांक्षा, हमारी आंखों के सामने, यूरोपीय देशों की व्यापक विचारधारा बनती जा रही है।"

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि माइक वाल्ट्ज ने सुरक्षा परिषद में अपने पहले भाषण में कहा कि उनका देश और उसके सहयोगी 'नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे।'

एस्टोनिया नाटो का सदस्य है। सुरक्षा परिषद के गैर यूरोपीय सदस्यों ने संयम और तनाव कम करने का आह्वान किया।

चीन के उप-स्थायी प्रतिनिधि गेंग शुआंग ने संबंधित पक्षों से शांत रहने और संयम बरतने, तथ्यों को स्पष्ट करने, बातचीत और संचार से संदेह दूर करने का आग्रह किया।

यह बैठक एस्टोनिया द्वारा बुलाई गई थी, जिसे परिषद के पांच यूरोपीय सदस्यों, ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस, ग्रीस और स्लोवेनिया ने समर्थन दिया।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि अंतरराष्ट्रीय तनाव का बढ़ना सभी देशों के लिए चिंता का विषय है। एस्टोनिया की सुरक्षा का सम्मान किया जाना चाहिए और सभी पक्षों को संयम बरतने की आवश्यकता है।
NationPress
23/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या रूस ने एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया?
एस्टोनिया ने आरोप लगाया है कि रूसी विमानों ने उनके हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की, जबकि रूस ने इन आरोपों को खारिज किया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिक्रिया क्या है?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस विषय पर एक आपात बैठक बुलाई है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया गया है।
क्या अमेरिका ने इस मामले में कोई स्टैंड लिया है?
हाँ, अमेरिका ने नाटो क्षेत्र की रक्षा करने का संकल्प लिया है और इस मुद्दे पर सक्रियता से अपनी स्थिति व्यक्त की है।
क्या यूरोपीय देशों ने रूस के खिलाफ कोई कदम उठाए हैं?
यूरोपीय देशों ने रूस पर एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है और इस पर कार्रवाई की मांग की है।
चीन की प्रतिक्रिया क्या थी?
चीन ने सभी पक्षों से संयम बरतने और स्थिति को बिगड़ने से रोकने का आग्रह किया है।