क्या बिना पैसे और साधनों के हमला संभव है? एफएटीएफ ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की

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क्या बिना पैसे और साधनों के हमला संभव है? एफएटीएफ ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की

सारांश

एफएटीएफ ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और कहा कि यह हमला बिना धन और साधनों के संभव नहीं था। यह घटना आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर गंभीर चिंता की ओर इशारा करती है। जानिए इस हमले के पीछे की सच्चाई और भारत की स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • एफएटीएफ ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की।
  • यह हमला आतंकवादियों के लिए धन और साधनों के बिना संभव नहीं था।
  • भारत ने टीआरएफ के बारे में संयुक्त राष्ट्र को जानकारी दी।
  • आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता है।
  • पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण में संलिप्त है।

पेरिस/नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की सोमवार को कड़ी निंदा की। एफएटीएफ ने कहा कि यह हमला आतंकियों के समर्थन के लिए धन और फंड ट्रांसफर के साधनों के बिना संभव नहीं हो सकता था।

एफएटीएफ ने सोमवार को एक बयान में कहा कि आतंकवादी हमले दुनिया भर में लोगों की जान लेते हैं, उन्हें अपंग बनाते हैं और भय पैदा करते हैं। पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए इस क्रूर आतंकवादी हमले पर एफएटीएफ ने गंभीर चिंता व्यक्त की और इसकी निंदा की। इस तरह के हमले बिना धन और आतंकी समर्थकों के बीच फंड ट्रांसफर के साधनों के संभव नहीं हो सकते।

बयान में आगे कहा गया, "जैसा कि एफएटीएफ अध्यक्ष ने म्यूनिख में हाल ही में आयोजित 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन में बताया, कोई अकेली कंपनी, प्राधिकरण या देश इस चुनौती का सामना अकेले नहीं कर सकता। हमें वैश्विक आतंकवाद के खतरे के खिलाफ एकजुट होना होगा क्योंकि आतंकवादियों को अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए केवल एक बार सफल होने की जरूरत होती है, जबकि हमें इसे रोकने के लिए हर बार सफल होना पड़ता है।"

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे।

पहलगाम आतंकी हमले की जांच में आतंकियों के पाकिस्तान से संचार नेटवर्क का पता चला। द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नामक समूह ने, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है, इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। हालांकि, बाद में उसने वह पलट गया था।

भारत ने मई और नवंबर 2024 में संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम को अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट में टीआरएफ के बारे में जानकारी दी थी, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के लिए एक आवरण के रूप में इसकी भूमिका को सामने लाया गया था।

इससे पहले, दिसंबर 2023 में भारत ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के बारे में जानकारी दी थी, जो टीआरएफ जैसे छोटे आतंकी समूहों के माध्यम से काम कर रहे हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान विदेश मंत्रालय (एमईए) ने 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रेस वक्तव्य में टीआरएफ के संदर्भों को हटाने के लिए पाकिस्तान के दबाव को उजागर किया था।

एफएटीएफ ने, जो मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी वित्तपोषण और सामूहिक विनाश के हथियारों के वित्तपोषण के खिलाफ वैश्विक वित्तीय प्रणाली की रक्षा के लिए नीतियां बनाता और बढ़ावा देता है, पहले स्वीकार किया है कि भारत 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से लगातार आतंकवाद के प्रभावों से पीड़ित रहा है और अब भी विविध आतंकी खतरों का सामना करता है, जिन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है।

हाल ही में राष्ट्र प्रेस के साथ विशेष बातचीत में पूर्व राजनयिकों और आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञों समेत कई विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का समर्थन किया था, जिसमें आतंकवाद के वित्तपोषण में लगातार संलिप्तता और वैश्विक आतंकी संगठनों को समर्थन देने के लिए देश को एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस डालना भी शामिल है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें एकजुट होना चाहिए। एफएटीएफ की चेतावनियों को गंभीरता से लेना आवश्यक है, और पाकिस्तान की आतंकवाद के वित्तपोषण में संलिप्तता को उजागर करना महत्वपूर्ण है। यह समय कार्रवाई का है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

एफएटीएफ क्या है?
एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी वित्तपोषण और सामूहिक विनाश के हथियारों के वित्तपोषण के खिलाफ नीतियां बनाता है।
पहलगाम आतंकी हमले में कितने लोग मारे गए?
इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे।
एफएटीएफ ने इस हमले पर क्या कहा?
एफएटीएफ ने कहा कि यह हमला बिना धन और साधनों के संभव नहीं था।
भारत ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
भारत ने टीआरएफ के बारे में जानकारी दी और पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों की भूमिका को उजागर किया।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति क्या है?
भारत आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत रुख अपनाए हुए है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है।