क्या बांग्लादेश में डेंगू से चार मौतें हुई? 2025 में मृतकों की संख्या 270 पार
सारांश
Key Takeaways
- डेंगू से अब तक 273 मौतें हुई हैं।
- संक्रमित मरीजों की संख्या 67,464 तक पहुंच गई है।
- सरकारी अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं।
- विशेष वार्ड और मेडिकल टीम बनाने की आवश्यकता है।
- हर शनिवार को डेंगू समन्वय बैठक आयोजित करने का आदेश दिया गया है।
ढाका, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हालिया मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार सुबह तक बांग्लादेश में डेंगू के कारण चार और व्यक्तियों की मौत हो गई है, जिससे 2025 में इस बीमारी से मृतकों की संख्या 273 हो गई है।
इस बीच, 1,041 और मरीजों को वायरल बुखार के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिससे 2025 में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 67,464 हो गई है। यह जानकारी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचसी) द्वारा प्रदान की गई है।
यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (यूएनबी) के अनुसार, नई डेंगू मामलों के आंकड़े निम्नलिखित हैं: ढाका नॉर्थ सिटी कॉर्पोरेशन (230), ढाका डिवीजन (206), बरिशाल डिवीजन (174), ढाका साउथ सिटी कॉर्पोरेशन (140), चट्टोग्राम डिवीजन (120), खुलना डिवीजन (49), मैमनसिंह डिवीजन (49), राजशाही डिवीजन (45), रंगपुर डिवीजन (19) और सिलहट डिवीजन (9)।
2024 में बांग्लादेश में डेंगू से कुल 575 लोगों की मौत हुई, जबकि 2023 में यह संख्या 1,705 थी।
16 सितंबर को, डीजीएचसी ने डेंगू मरीजों के इलाज को सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अस्पतालों के लिए नए निर्देश जारी किए। इन गाइडलाइंस के अनुसार, सभी अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए विशेष वार्ड बनाने की आवश्यकता है और एक विशिष्ट मेडिकल टीम गठित करनी होगी।
बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, डीजीएचसी ने अस्पतालों को डेंगू मरीजों के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। अस्पतालों से एनएस-1 टेस्ट, इमरजेंसी केयर और मरीजों के लिए आवश्यक दवाइयों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
अस्पतालों में डेंगू का इलाज करा रहे मरीजों को एक निश्चित वार्ड या कमरे में रखा जाना चाहिए और जरूरत पड़ने पर आईसीयू सपोर्ट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अलावा, डॉक्टरों और नर्सों को विशेष जिम्मेदारियां दी गई हैं।
निर्देश में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों के इलाज के लिए मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स और अन्य विशेषज्ञ डाक्टरों का एक बोर्ड बनाने के लिए कहा गया है। इस बोर्ड की देखरेख में प्रशिक्षित डॉक्टर, मेडिकल ऑफिसर और रेजिडेंट डॉक्टर डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की देखभाल करेंगे।
निर्देश के अनुसार, यह बोर्ड और डॉक्टर अस्पतालों के ओपीडी (बाह्यरोगी विभाग) में आने वाले संदिग्ध मरीजों का भी इलाज करेंगे।
इसमें अस्पताल निदेशकों को शहर निगमों या नगर पालिकाओं को अस्पताल परिसर के आसपास मच्छर उन्मूलन और स्वच्छता अभियान चलाने के लिए पत्र भेजने का भी आदेश दिया गया है। इसके अलावा, हर शनिवार को निदेशक, अधीक्षक और सिविल सर्जन की अध्यक्षता में अस्पतालों में एक डेंगू समन्वय बैठक आयोजित की जानी चाहिए।