क्या पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में पोलियो टीम की सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल की हत्या हुई?

सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
- स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत जरूरी है।
- खैबर पख्तूनख्वा में हमलों की संख्या बढ़ रही है।
- पोलियो वायरस के नए मामले चिंता का विषय हैं।
- सरकार को सख्त सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे।
इस्लामाबाद, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में मंगलवार को अज्ञात हमलावरों ने पोलियो टीकाकरण टीम की सुरक्षा में तैनात एक कांस्टेबल पर गोली चला दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
कांस्टेबल पर यह हमला सरकार द्वारा देशभर में पोलियो उन्मूलन अभियान शुरू करने के एक दिन बाद हुआ है। इस अभियान का लक्ष्य 4.5 करोड़ से अधिक बच्चों को पोलियो का टीका लगाना है। पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन ने स्वात के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) मुहम्मद उमर खान के हवाले से बताया कि मारे गए लेवीज कांस्टेबल ने दो महिला स्वास्थ्यकर्मियों वाली पोलियो टीम के साथ अपनी ड्यूटी निभाई थी।
खान ने कहा, "जब उन पर हमला हुआ, तब कार्यकर्ता एक घर के अंदर टीके लगा रहे थे, जबकि कांस्टेबल बाहर पहरा दे रहा था।" उन्होंने बताया कि घटना के बाद हमलावर मौके से भाग गए। पुलिस और कानून प्रवर्तन अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी।
उन्होंने कहा, "इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और दोषियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। किसी भी राज्य-विरोधी तत्व को स्वात में शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।" उन्होंने आगे कहा कि हमले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में अक्सर पोलियो टीकाकरण अभियान में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को निशाना बनाया गया है। 2024 में खैबर पख्तूनख्वा में पोलियो विरोधी अभियानों के दौरान 20 लोग मारे गए और 53 अन्य घायल हुए।
इस साल मई में, बलूचिस्तान के नोश्की जिले में अज्ञात हमलावरों द्वारा किए गए हमले में टीकाकरण दल की सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि फरवरी में खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर में एक और पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान दुनिया के केवल दो ऐसे देश हैं जहाँ वाइल्ड पोलियोवायरस का प्रकोप बना हुआ है। सुरक्षा संबंधी मुद्दों, टीकाकरण में हिचकिचाहट और गलत सूचना जैसी चुनौतियों के कारण पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन के प्रयास धीमे रहे हैं।
इससे पहले सितंबर में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) के अनुसार, पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पोलियोवायरस के दो नए मामले सामने आए थे, जिससे 2025 में देश भर में पोलियो के मामलों की संख्या बढ़कर 29 हो गई। पाकिस्तान स्थित द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद जिले में एक मामले के बाद, बादिन और थट्टा जिलों में नए मामले सामने आए, जिससे प्रांत में कुल मामलों की संख्या नौ हो गई।
एनआईएच के बयान के अनुसार, "इन दोनों मामलों के साथ, जिनमें दोनों लड़कियां थीं, 2025 में पाकिस्तान में पोलियो के कुल मामलों की संख्या 29 तक पहुंच गई है," जिनमें खैबर पख्तूनख्वा से 18, सिंध से नौ, और पंजाब तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान से एक-एक मामले शामिल हैं।