क्या ट्रंप तीसरी दुनिया के देशों से माइग्रेशन रोकने की योजना बना रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- डोनाल्ड ट्रंप थर्ड वर्ल्ड देशों से माइग्रेशन रोकने की योजना बना रहे हैं।
- यह नीति अमेरिकी इमिग्रेशन नीति को प्रभावित कर सकती है।
- इससे शिक्षा और रोजगार के अवसरों पर असर पड़ेगा।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के पास एक महिला सैनिक की मृत्यु के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सोच में बदलाव आ रहा है। इसी संदर्भ में, ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण इमिग्रेशन नीति का ऐलान किया है। उन्होंने थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज के लोगों के माइग्रेशन को हमेशा के लिए रोकने का बड़ा बयान दिया है।
ट्रंप ने कहा कि वह थर्ड वर्ल्ड के सभी देशों से माइग्रेशन को स्थायी रूप से समाप्त करने की योजना बना रहे हैं। अगर यह निर्णय अमेरिका में लागू हो गया, तो उन लोगों के लिए यह एक बड़ा झटका होगा जो यहाँ शिक्षा प्राप्त करने या नौकरी पाने का सपना देख रहे हैं।
ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा कि अमेरिका तकनीकी विकास में आगे बढ़ गया है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इमिग्रेशन नीति ने देश की प्रगति को नुकसान पहुँचाया है और लोगों के जीवन स्तर पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
उल्लेखनीय है कि शीत युद्ध के दौरान, फर्स्ट वर्ल्ड, सेकेंड वर्ल्ड और थर्ड वर्ल्ड देश जैसे शब्दों का प्रयोग होता था। अमेरिका के सहयोगी देशों को फर्स्ट वर्ल्ड देश कहा जाता था, जबकि सोवियत संघ के समर्थक देशों को सेकेंड वर्ल्ड माना जाता था। जो देश न तो अमेरिका के साथ थे और न ही सोवियत संघ के साथ, उन्हें थर्ड वर्ल्ड देश कहा गया।
ट्रंप ने लिखा, "मैं सभी थर्ड वर्ल्ड देशों से माइग्रेशन को हमेशा के लिए रोक दूंगा ताकि अमेरिकी प्रणाली में सुधार हो सके। मैं बाइडेन के तहत हुए लाखों अवैध प्रवेश को समाप्त कर दूंगा, जिसमें बाइडेन द्वारा हस्ताक्षरित प्रवेश भी शामिल हैं, और ऐसे सभी व्यक्तियों को निकाल दूंगा जो अमेरिका के लिए सामाजिक या आर्थिक रूप से लाभकारी नहीं हैं या जो हमारे देश से प्रेम करने में असमर्थ हैं।"
ट्रंप ने आगे कहा कि मैं देश के गैर-नागरिकों को मिलने वाले सभी संघीय लाभ और सब्सिडी को समाप्त कर दूंगा, और उन प्रवासियों को देश से निकाल दूंगा जो घरेलू शांति को कमजोर करते हैं, साथ ही ऐसे विदेशी नागरिकों को भी निकाल दूंगा जो आम जनता पर बोझ हैं, सुरक्षा के लिए खतरा हैं, या पश्चिमी सभ्यता के अनुरूप नहीं हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति के अनुसार, इस नीति का उद्देश्य उन लोगों की संख्या को कम करना है, जिन्हें उन्होंने अवैध और अस्थिर आबादी कहा है।
इससे पहले, अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा के निदेशक जोसेफ एडलो ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश के तहत, किसी भी 'चिंताजनक देश' से आने वाले हर नागरिक के ग्रीन कार्ड की गहनता से जांच की जाएगी।