क्या हॉट माइक ने ट्रंप-सुबियांतो की बातचीत में कुछ ऐसा पकड़ा, जिससे सब हैरान हैं?

सारांश
Key Takeaways
- हॉट माइक से कई बार संवेदनशील बातें सामने आती हैं।
- ऐसे संवाद कूटनीतिक संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।
- हॉट माइक की घटनाएँ हमें सतर्क रहने की आवश्यकता की याद दिलाती हैं।
- कभी-कभी अनजाने में सामने आए संवाद भी सच को उजागर कर सकते हैं।
- इस तरह की घटनाएँ राजनीति और कूटनीति की जटिलता को दर्शाती हैं।
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 13 अक्टूबर को मिस्र में थे। गाजा में स्थायी शांति को लेकर बुलाए गए शिखर सम्मेलन में दुनिया के कई प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों के साथ उन्होंने भाग लिया। कुछ क्षणों के लिए दोनों एक साथ दिखे, और इस दौरान हॉट माइक ने कुछ ऐसा रिकॉर्ड किया जिसे शायद वे दुनिया को बताना नहीं चाहते थे। इसके बाद से हॉट माइक संवाद फिर से चर्चा का विषय बन गया है। यह छोटा सा उपकरण कई बार महत्वपूर्ण कूटनीतिक हलचलों को जन्म दे चुका है। ऐसे मौकों ने यह साबित किया है कि कभी-कभी ऑफ कैमरा संवाद सामने आकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अजीब मोड़ ला देते हैं।
असल में, प्रबोवो ट्रंप से निवेदन करते दिखाई दिए कि वे उनके बेटे से बात करना चाहते हैं। उन्होंने एक ऐसे स्थान का उल्लेख किया जो सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं है। इस संदर्भ में अटकलबाजियों का दौर जारी है।
कूटनीति की दुनिया में ऐसे हाव-भाव और टिप्पणियाँ व्यक्तिगत मानी जाती हैं, लेकिन जब माइक चालू रह जाए, तो ‘निजी’ का कवच टूट जाता है। यही हॉट माइक का खतरा है—यह सच्चे विचारों को अनायास दुनिया के सामने ले आता है।
यह पहली बार नहीं है जब हॉट माइक ने राज खोले हैं। 2006 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश और टोनी ब्लेयर की बातचीत जी-8 समिट में रिकॉर्ड हो गई थी, जिसमें बुश ने संयुक्त राष्ट्र और मध्य पूर्व पर कुछ ऐसे शब्द कह दिए थे जो सार्वजनिक रूप से कभी नहीं बोले जाते।
2011 में फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी और बराक ओबामा इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को लेकर निजी राय व्यक्त कर बैठे। सरकोजी ने कहा, “मैं उन्हें बर्दाश्त नहीं कर सकता,” और ओबामा ने उत्तर दिया, “तुम थक गए हो, मैं उससे हर दिन निपटता हूं।” यह बातचीत प्रेस ऑडियो चैनल पर लाइव थी।
ऐसा ही कुछ 2014 में हुआ जब यूरोपीय यूनियन की विक्टोरिया नूलैंड ने यूक्रेन पर चर्चा करते हुए अमेरिका की परेशानियों पर एक ऐसा वाक्य कह दिया, जिसने पूरा राजनयिक माहौल असहज कर दिया।
इस वर्ष बीजिंग में तीन सितंबर को भी ऐसा ही कुछ हुआ। चीन की विक्ट्री परेड के दौरान पुतिन और जिनपिंग के बीच की हॉट माइक बातचीत रिकॉर्ड हो गई। दोनों की यह बातचीत बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर की ओर जाते समय की थी। इस बातचीत में दोनों बायोटेक्नोलॉजी और ऑर्गन ट्रांसप्लांट के जरिए मानव आयु बढ़ाने और संभावित अमरता पर चर्चा करते दिखे।
इस दौरान जिनपिंग ने मंदारिन भाषा में कहा कि पहले लोग मुश्किल से 70 साल जी पाते थे, लेकिन आजकल 70 की उम्र में भी इंसान को बच्चा समझा जाता है। कुछ लोगों का अनुमान है कि इस सदी में मनुष्य 150 साल तक जीवित रह सकते हैं।
इस पर पुतिन कहते हैं कि बायोटेक्नोलॉजी के विकास के साथ मानव अंगों का लगातार प्रत्यारोपण संभव है। आप जितने लंबे समय तक जीवित रहेंगे, उतने ही युवा होते जाएंगे और शायद अमरता भी प्राप्त कर सकते हैं।
हॉट माइक क्षण भले ही शर्मिंदगी लाते हैं, लेकिन यही पल दुनिया को असली राजनीतिक सोच की झलक देते हैं।
आज जब हर प्रेस कॉन्फ्रेंस, हर शिखर बैठक में दर्जनों कैमरे और रिकॉर्डर मौजूद हैं, तब “माइक बंद है” का भरोसा सबसे बड़ी भूल साबित हो सकता है। हॉट माइक सिर्फ गलतियों का यंत्र नहीं, बल्कि कभी-कभी ‘सच की अनायास झलक’ भी होता है।
ट्रंप और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति का ताजा प्रकरण भी वैसा ही सच उजागर करता है। जो बयान प्रेस रिलीज में नहीं लिखा जाता, वही हॉट माइक में सुनाई देता है।