क्या ईरान ने इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन लोगों को फांसी दी?

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क्या ईरान ने इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन लोगों को फांसी दी?

सारांश

ईरान ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन लोगों को फांसी दी। यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, खासकर ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में। जानिए इस घटना की सच्चाई और इससे जुड़े राजनीतिक पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • ईरान ने जासूसी के आरोप में तीन लोगों को फांसी दी।
  • फांसी का निर्णय मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप में हुआ।
  • इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ा है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस घटना के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
  • ईरान ने पहले भी जासूसी के आरोप में फांसी दी है।

तेहरान, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान ने बुधवार को इजरायल की खुफिया एजेंसी 'मोसाद' के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन व्यक्तियों को फांसी दी।

ईरानी न्यायपालिका की वेबसाइट 'मिजान ऑनलाइन' के अनुसार, तुर्की की सीमा के समीप उत्तर-पश्चिमी शहर उर्मिया में इदरीस अली, आजाद शोजई और रसूल अहमद रसूल को फांसी दी गई है।

न्यायपालिका ने कहा, "इदरीस अली, आजाद शोजई और रसूल अहमद रसूल ने हत्याओं को अंजाम देने के लिए देश में उपकरण आयात करने की कोशिश की थी। इन्हें गिरफ्तार किया गया और उन पर यहूदी शासन को मदद करने का आरोप लगाया गया। बुधवार सुबह सजा सुनाई गई और उन्हें फांसी पर लटका दिया गया।"

यह फांसी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान पर सैन्य कार्रवाई के बाद युद्ध विराम की घोषणा के ठीक एक दिन बाद हुई है। दोनों पक्ष इस युद्ध विराम पर सहमत हैं।

ईरान ने इजरायल के साथ संघर्ष के दौरान इजरायल के साथ संबंध रखने के आरोप में कम से कम 700 लोगों को गिरफ्तार किया था।

इससे पहले, ईरान ने 14 जून और 23 जून को भी इसी तरह की फांसी दी थी। सोमवार को 'मोसाद' के लिए जासूसी करने के दोषी पाए गए एक अन्य व्यक्ति को फांसी दी गई थी।

ईरानी न्यायपालिका ने बताया, "मोहम्मद अमीन महदवी शायस्थे को यहूदी शासन के साथ खुफिया सहयोग के लिए फांसी दी गई।" शायस्थे को 2023 में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद से कथित संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

इससे पहले 22 जून को माजिद मोसायेबी को भी मोसाद को कथित तौर पर 'संवेदनशील जानकारी' देने के आरोप में फांसी दी गई थी।

न्यायपालिका ने कहा था, "माजिद मोसायेबी को फांसी दे दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा की पुष्टि की थी।" आरोप था कि मोसायेबी ने 'मोसाद को संवेदनशील जानकारी' देने की कोशिश की थी।

कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि 13 जून को तेहरान पर हवाई हमले शुरू होने से बहुत पहले ही इजरायली जासूस हथियारों की तस्करी कर रहे थे।

Point of View

यह भी एक राजनीतिक मुद्दा है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सवाल खड़े करता है। हमें यह समझना चाहिए कि इस तरह के निर्णयों के पीछे क्या कारण हैं और ये कैसे वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

ईरान ने जासूसी के आरोप में कितने लोगों को फांसी दी?
ईरान ने जासूसी के आरोप में तीन लोगों को फांसी दी।
इजरायल की खुफिया एजेंसी का नाम क्या है?
इजरायल की खुफिया एजेंसी का नाम 'मोसाद' है।
फांसी देने का कारण क्या था?
फांसी का कारण जासूसी के आरोप में तीन व्यक्तियों का अपराध सिद्ध होना था।
क्या ईरान ने पहले भी इसी तरह की फांसी दी है?
हाँ, ईरान ने पहले भी इसी तरह की फांसी दी थी।
इस घटना का अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में क्या महत्व है?
यह घटना ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव को और बढ़ा सकती है।