क्या अमेरिका के साथ वार्ता फिर से शुरू करने को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है?

सारांश
Key Takeaways
- ईरान के विदेश मंत्री ने वार्ता को लेकर कोई समझौता नहीं होने की पुष्टि की।
- वार्ता की संभावना तेहरान के राष्ट्रीय हितों पर निर्भर करेगी।
- ईरान ने इजरायल के साथ संघर्ष में हुए नुकसान का गंभीर आकलन किया है।
तेहरान, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने कहा है कि अमेरिका के साथ वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए कोई व्यवस्था या प्रतिबद्धता नहीं की गई है।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने सरकारी प्रसारक आईआरआईबी के हवाले से बताया कि अराघची ने गुरुवार को एक साक्षात्कार में कहा कि वार्ता की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि तेहरान के राष्ट्रीय हितों की रक्षा की जाती है या नहीं।
उन्होंने स्पष्ट किया, "हमारे निर्णय पूरी तरह से ईरान के हितों पर आधारित होंगे। अगर हमारे हितों के लिए वार्ता की आवश्यकता है, तो हम इस पर विचार करेंगे। लेकिन फिलहाल, कोई समझौता या वादा नहीं किया गया है और कोई बातचीत नहीं हुई है।"
अराघची ने वाशिंगटन पर 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने और अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने पर पहले की वार्ता के दौरान ईरान को धोखा देने का आरोप लगाया।
ईरानी राजनयिक ने यह भी कहा कि संसद ने 'गार्जियन काउंसिल' के अनुमोदन के बाद संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था से सहयोग को निलंबित करने वाला कानून बाध्यकारी हो गया है।
उन्होंने कहा, "यह कानून अब अनिवार्य है और इसे लागू किया जाएगा। आईएईए के साथ हमारा सहयोग एक नया आकार लेगा।"
अराघची ने यह भी कहा कि इजरायल के साथ 12 दिवसीय युद्ध से हुई क्षति "गंभीर" थी और ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के विशेषज्ञ विस्तृत आकलन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति की मांग करने का प्रश्न सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर था।
यह संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ जब इजरायल ने ईरान में सैन्य और परमाणु सुविधाओं पर हवाई हमले किए, जिसमें कई वरिष्ठ कमांडर, परमाणु वैज्ञानिक और नागरिक मारे गए। ये हमले ईरान और अमेरिका के बीच 15 जून को अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने से कुछ दिन पहले हुए।
इसके जवाब में, ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमलों की लहरें चलाईं, जिससे हताहत हुए और नुकसान हुआ।
शनिवार को अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने सोमवार को कतर में अमेरिका के अल उदीद एयर बेस पर मिसाइलें दागीं।
12 दिनों तक चले संघर्ष का अंत मंगलवार को ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम के साथ हुआ।