क्या ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान ने आक्रमणकारियों के आगे झुकने का ऐलान किया?

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क्या ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान ने आक्रमणकारियों के आगे झुकने का ऐलान किया?

सारांश

ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियान ने यूएन में आक्रमणकारियों के खिलाफ दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने इजरायल और अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाए, जिससे वैश्विक शांति की चुनौतियाँ और भी बढ़ गई हैं। क्या ईरान शांति की ओर आगे बढ़ेगा?

Key Takeaways

  • ईरानी राष्ट्रपति ने आक्रमणकारियों के सामने झुकने से इंकार किया।
  • उन्हें इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका पर गंभीर आरोप हैं।
  • वह परमाणु हथियार से दूर रहने का विश्वास रखते हैं।
  • गाजा पट्टी में नरसंहार का आरोप लगाया गया।
  • उनका बयान वैश्विक शांति पर प्रभाव डाल सकता है।

न्यूयॉर्क, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने "आक्रमणकारियों के आगे कभी नहीं झुकने" की कसम खाई है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका के आक्रमण का जिक्र किया और शांति प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, "यहूदी शासन और संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान के शहरों, घरों और बुनियादी ढांचों पर ठीक उसी समय हवाई हमले किए, जब हम कूटनीतिक वार्ता के रास्ते पर चल रहे थे। यह कदम एक गंभीर विश्वासघात है और स्थिरता एवं शांति के प्रयासों को विफल करने वाला है।"

पेजेशकियान ने इजरायल-यूएस के हमलों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के खिलाफ बताते हुए आगे कहा, "आक्रामकता के इस बेशर्म कृत्य ने मेरे देश के कई कमांडरों, नागरिकों, बच्चों, महिलाओं, वैज्ञानिकों और बौद्धिक अभिजात वर्ग को खत्म कर दिया। साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय विश्वास और क्षेत्र में शांति की उम्मीदों को गहरा आघात पहुंचाया है। क्या हमें अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के ऐसे खतरनाक उल्लंघन को यूं ही जाने देना चाहिए, उनका सामना नहीं करना चाहिए?"

पेजेशकियान ने इजरायल पर गाजा पट्टी में "नरसंहार" का आरोप लगाया।

ईरानी राष्ट्रपति ने परमाणु हथियार से दूर रहने की बात करते हुए कहा, "हम परमाणु हथियार नहीं चाहते। यह हमारा विश्वास है, जो सर्वोच्च नेता और धार्मिक गुरुओं द्वारा जारी किए गए आदेश पर आधारित है।"

उन्होंने यहूदी शासन की मंशा को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा, "बड़ी बेबाकी और हास्यास्पद तरीके से ग्रेटर इजरायल बनाने की बात कही जाती है। यह योजना क्षेत्र के एक बड़े हिस्से को शामिल करती है। ये नक्शे ही यहूदी शासन के असली इरादों को उजागर करते हैं, वो इरादे जिनका हाल ही में उनके प्रधानमंत्री (नेतन्याहू) ने खुले तौर पर समर्थन किया है।"

पेजेशकियान के अनुसार, "दुनिया में कोई भी इस शासन की आक्रामक चालों से सुरक्षित नहीं है। वे अपनी उपस्थिति बल के माध्यम से थोपते हैं और इसे शांति का नाम देते हैं। फिर भी यह न तो शांति है और न ही शक्ति। यह कुछ और नहीं बल्कि आक्रामकता है।"

१२ दिनों तक चले इजरायल-ईरान युद्ध के बाद किसी वैश्विक मंच पर पहली बार पेजेशकियान ने अपनी बात रखी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पेजेशकियान का यह बयान ईरान की दृढ़ता और अपने देश की संप्रभुता की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस प्रकार की स्थिति वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक चुनौती बन सकती है।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान ने किस बात की कसम खाई?
उन्होंने 'आक्रमणकारियों के आगे कभी नहीं झुकने' की कसम खाई है।
पेजेशकियान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में किस पर आरोप लगाया?
उन्होंने इजरायल और अमेरिका पर आक्रमण का आरोप लगाया।
पेजेशकियान का परमाणु हथियारों के बारे में क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि ईरान परमाणु हथियार नहीं चाहता।
पेजेशकियान ने इजरायल पर क्या आरोप लगाए?
उन्होंने इजरायल पर गाजा पट्टी में नरसंहार का आरोप लगाया।
क्या ईरान के राष्ट्रपति का बयान वैश्विक शांति पर असर डालेगा?
हां, उनका बयान वैश्विक शांति और सुरक्षा की चुनौतियों को बढ़ा सकता है।