क्या पीएम मोदी और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने द्विपक्षीय बैठक की?
सारांश
Key Takeaways
- द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती पर जोर।
- सुरक्षा सहयोग का विस्तार।
- लोगों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा।
- जी20 के घोषणापत्र पर सहमति।
- आपदाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पर जोर।
जोहान्सबर्ग, २३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जोहान्सबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की।
इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) सुधाकर दलेला और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस द्विपक्षीय बैठक की जानकारी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा साझा की गई।
राष्ट्रपति रामफोसा और पीएम मोदी के बीच हुई इस बैठक में वर्तमान द्विपक्षीय संबंधों के स्थिति पर चर्चा की गई। इसके अलावा, सुरक्षा सहयोग और लोगों के बीच कनेक्टिविटी जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
बैठक के वीडियो के साथ साझा किए गए पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया, "जी20 में रामफोसा की द्विपक्षीय बैठक। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा द्वारा आयोजित जी20 समिट के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता।"
आपको बता दें, पीएम मोदी शनिवार को दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। इस दौरान उनका जोहान्सबर्ग के नैसरेक में राष्ट्रपति रामफोसा द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने जी20 लीडर्स समिट के पहले दिन के दोनों सत्रों में भाग लिया। अपने संबोधन में उन्होंने वैश्विक सहयोग, आपदा प्रबंधन, और सतत विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।
अपने अनुभव साझा करते हुए पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "जोहान्सबर्ग में कल जी20 समिट की कार्यवाही सकारात्मक रही। मैंने दो सत्रों में भाग लिया और महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।"
जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नेताओं ने डिजास्टर रेजिलिएंस, डेब्ट सस्टेनेबिलिटी, एनर्जी ट्रांजिशन, और आवश्यक खनिजों पर सहमति बनाई। सभी नेताओं ने जी20 दक्षिण अफ्रीका समिट के घोषणापत्र पर सहमति जताई।
घोषणापत्र को समिट के प्रारंभ में अपनाया गया। यह बैठक दो दिवसीय है और आज रविवार को इसका दूसरा दिन है। जी20 का आयोजन जोहान्सबर्ग में एकजुटता, समानता और सततता के विषय पर हो रहा है।
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, घोषणापत्र में चेतावनी दी गई है कि लगातार आ रही आपदाएं विकास को प्रभावित कर रही हैं। इसके कारण रिस्पॉन्स सिस्टम पर अत्यधिक दबाव पड़ता है।
जी20 में शामिल नेताओं ने कहा कि आपदाएं सतत विकास में रुकावट डालती हैं और देश की क्षमताओं और अंतरराष्ट्रीय सिस्टम की रिस्पॉन्स क्षमता पर दबाव डालती हैं।
इन नेताओं ने लोगों के केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाने का आह्वान किया। विशेष रूप से कमजोर छोटे द्वीपीय विकासशील देशों और सबसे कम विकसित देशों के लिए मजबूत आपदा प्रतिरोधक क्षमता और प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
बैठक के दौरान ऊर्जा एक्सेस और ट्रांजिशन पर भी चर्चा की गई। घोषणापत्र में उन असमानताओं का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि ६०० मिलियन से अधिक अफ्रीकियों के पास बिजली नहीं है।