क्या पीएम मोदी का तीन देशों का दौरा भारत की एकीकृत रणनीतिक सोच को दर्शाता है?

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क्या पीएम मोदी का तीन देशों का दौरा भारत की एकीकृत रणनीतिक सोच को दर्शाता है?

सारांश

क्या पीएम मोदी का हालिया दौरा भारत की विदेश नीति में एक नई दिशा दर्शाता है? रिपोर्ट का मानना है कि जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा वैश्विक कूटनीति में भारत की बढ़ती भूमिका को स्पष्ट करती है। यह यात्रा न केवल सामरिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। जानें इस दौरे के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • भारत ने अपने वैश्विक हितों का विस्तार किया है।
  • जॉर्डन की यात्रा ने नई राजनैतिक संभावनाओं को जन्म दिया है।
  • इथियोपिया के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं।
  • ओमान के साथ रक्षा सहयोग बढ़ा है।
  • मध्य पूर्व की स्थिरता भारत की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

वॉशिंगटन, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका द्वारा संभावित टैरिफ दबाव और वैश्विक व्यापार मार्गों में आ रही बाधाओं के बीच, भारत अपने वैश्विक हितों और कूटनीतिक पहुंच का विस्तार कर रहा है। इस दिशा में मध्य पूर्व और अफ्रीका भारत की विदेश नीति के महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभर रहे हैं, जैसा कि एक अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है।

अमेरिका स्थित थिंक टैंक ‘मिडिल ईस्ट फोरम’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हालिया दौरा जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान भारत की मध्य पूर्व, अफ्रीका और हिंद महासागर क्षेत्र के प्रति एकीकृत रणनीतिक दृष्टि को प्रदर्शित करता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि नई दिल्ली इन क्षेत्रों को अलग-अलग नहीं, बल्कि आपस में गहराई से जुड़े भू-राजनीतिक क्षेत्रों के रूप में देख रही है, विशेषकर जब वैश्विक व्यापार मार्गों में लगातार व्यवधान देखने को मिल रहे हैं।

रिपोर्ट में बताया गया कि जॉर्डन की यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हुई और गाजा युद्ध के बाद क्षेत्र में बढ़ी अस्थिरता के बीच संपन्न हुई। यमन और सूडान में जारी संघर्षों ने रेड सी और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति को और जटिल बना दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्डन भारत के लिए इसलिए अहम है क्योंकि वह मध्य पूर्व के अस्थिर माहौल में एक संयमित और स्थिरकारी शक्ति के रूप में उभरा है। जॉर्डन का कट्टरपंथ के खिलाफ सख्त रुख और संतुलित कूटनीति भारत को क्षेत्रीय गुटबाजी में फंसे बिना सहयोग बढ़ाने का अवसर देती है।

अम्मान में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत और किंग अब्दुल्ला द्वितीय के साथ हुई वार्ता दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों का संकेत है। पीएम मोदी ने अपनी यात्रा को “बेहद उत्पादक” बताते हुए कहा कि इससे नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन, डिजिटल परिवर्तन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विरासत संरक्षण जैसे क्षेत्रों में भारत-जॉर्डन साझेदारी को मजबूती मिली है। दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ अपने साझा रुख की भी पुनः पुष्टि की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जॉर्डन से भारत का जुड़ाव यह संदेश देता है कि मध्य पूर्व की स्थिरता भारत की ऊर्जा सुरक्षा, प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और क्षेत्रीय रणनीति के लिए बेहद जरूरी है।

इथियोपिया को लेकर रिपोर्ट में कहा गया कि वह अफ्रीका के लिए भारत का एक अहम प्रवेश द्वार है। हर साल भारत का 200 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार रेड सी के रास्ते होता है, ऐसे में क्षेत्रीय अस्थिरता, समुद्री डकैती, तस्करी और जहाजों पर हमले भारत के लिए सीधी चिंता का विषय हैं।

दौरे के दौरान भारत और इथियोपिया ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया। रिपोर्ट में कहा गया कि पीएम मोदी की पहल वैश्विक दक्षिण में भारत की नेतृत्व भूमिका को मजबूत करती है, जहां भारत पारदर्शिता और क्षमता निर्माण पर आधारित विकास साझेदारी को बढ़ावा देता है, न कि कर्ज के जाल जैसी नीति को, जिसका शिकार इथियोपिया पहले हो चुका है।

वहीं ओमान को भारत का खाड़ी क्षेत्र में सबसे भरोसेमंद साझेदार बताया गया है। ओमान भारत की ऊर्जा और समुद्री सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत-ओमान के बीच रक्षा और नौसैनिक सहयोग व्यापक है और भारतीय नौसेना को डुक्म जैसे बंदरगाहों तक पहुंच प्राप्त है, जिससे पश्चिमी हिंद महासागर में भारत की रणनीतिक पहुंच मजबूत होती है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ओमान, भारत की ‘लिंक वेस्ट नीति’, महा-सागर विजन और विस्तारित पड़ोस रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Point of View

बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करता है। भारत को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

पीएम मोदी ने किन देशों का दौरा किया?
प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान का दौरा किया।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस दौरे का उद्देश्य भारत की कूटनीतिक पहुंच को बढ़ाना और मध्य पूर्व तथा अफ्रीका में अपने संबंधों को मजबूत करना था।
जॉर्डन की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?
जॉर्डन की यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हुई और यह क्षेत्र में स्थिरता को बनाए रखने में सहायक है।
इथियोपिया का भारत के लिए क्या महत्व है?
इथियोपिया अफ्रीका में भारत का एक प्रमुख प्रवेश द्वार है, जो व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है।
ओमान का भारत के साथ क्या संबंध है?
ओमान भारत का एक भरोसेमंद साझेदार है, विशेषकर ऊर्जा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में।
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