क्या शेख हसीना समेत 11 लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं?

सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हसीना पर गंभीर आरोप लगे हैं।
- एसीसी ने 300 करोड़ टका के घोटाले में शिकायत की है।
- शिकायत में 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
- पुल के लिए टोल संग्रह में अनियमितताएँ पाई गई हैं।
- इस मामले का राजनीतिक प्रभाव हो सकता है।
ढाका, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित 11 लोगों की समस्याएँ बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) ने हसीना और अन्य 17 व्यक्तियों के खिलाफ 300 करोड़ टका के मंघना-गोमती पुल घोटाले के मामले में शिकायत दर्ज की है।
एसीसी के जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक मोहम्मद अख्तरुल इस्लाम ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक संस्था ने हसीना समेत 17 लोगों पर मामला दर्ज करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
एसीसी ने पुल के लिए हसीना की सरकार पर टोल संग्रह के लिए समझौते में अनियमितताओं और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं। एसीसी के अनुसार, इससे सरकार को 300 करोड़ टका से अधिक का नुकसान हुआ।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, इस मामले में एसीसी ने पूर्व मंत्री अमीर हुसैन अमू, तोफैल अहमद, खांडकर मुशर्रफ हुसैन, ओबैदुल कादर, अनीसुल हक, और एम ए मन्नान सहित अन्य को आरोपी बनाया है।
एसीसी की जांच के अनुसार, पुल के टोल वसूलने की जिम्मेदारी 2016 में कंप्यूटर नेटवर्क सिस्टम्स (सीएनएस) लिमिटेड को दी गई थी। उस समय संबंधित मंत्रालय ने पिछली कंपनी की वैध निविदा रद्द कर दी और बिना अन्य फर्मों से परामर्श किए नई डील कर ली।
नए समझौते के तहत, शेख हसीना की सरकार ने सीएनएस लिमिटेड को कुल एकत्रित टोल से वैट और आयकर को छोड़कर 17.75 प्रतिशत सेवा शुल्क प्राप्त करने की अनुमति दी। इससे सीएनएस लिमिटेड को पुल से 489 करोड़ टका का लाभ हुआ, जबकि 2010 से 2015 के बीच टोल संग्रह के लिए एक संयुक्त उद्यम कंपनी को केवल 15 करोड़ टका का भुगतान किया गया।
एसीसी ने यह भी खुलासा किया कि सीएनएस लिमिटेड के साथ निविदा के एकल स्रोत समझौते के कारण सरकार को 2016 से 2022 की अवधि के दौरान 309 करोड़ टका का नुकसान हुआ।
स्थानीय मीडिया का दावा है कि आरोपी व्यक्ति अपने लाभ के लिए एक-दूसरे के साथ मिलीभगत करके धोखाधड़ी कर रहे थे और अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार में लिप्त हुए।