क्या जापान के 'डिफेंस व्हाइट पेपर' में 'दोक्दो' पर दावा करना सही है?

सारांश
Key Takeaways
- दोक्दो द्वीप पर दक्षिण कोरिया का ऐतिहासिक दावा।
- जापान का डिफेंस व्हाइट पेपर में क्षेत्रीय दावा।
- दक्षिण कोरिया की कड़ी प्रतिक्रिया और आधिकारिक विरोध।
- दोक्दो पर दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव।
- इस विवाद की अंतरराष्ट्रीय कानूनी स्थिति।
सोल, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरियाई सरकार ने मंगलवार को जापान के 'डिफेंस व्हाइट पेपर' में 'दोक्दो' द्वीप समूह पर एक बार फिर से क्षेत्रीय दावा जताने के खिलाफ कड़ा विरोध किया है। इस पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए जापानी दूतावास के अधिकारियों को तलब किया गया है।
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "सरकार दोक्दो पर जापान के अनुचित क्षेत्रीय दावे का दृढ़ता से विरोध करती है। ऐतिहासिक, भौगोलिक और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार यह द्वीप दक्षिण कोरिया का हिस्सा है।"
प्रवक्ता ने जापान से अपने दावे को तुरंत वापस लेने की मांग की है और चेतावनी दी है कि सरकार दोक्दो से संबंधित जापान की किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का सख्त जवाब देगी।
सोल के रक्षा मंत्रालय ने भी इसे दोहराते हुए देश के क्षेत्रीय अधिकारों को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का 'करारा' जवाब देने की प्रतिबद्धता जताई है।
'योनहाप समाचार एजेंसी' के अनुसार, दोनों मंत्रालयों ने शिकायत दर्ज कराने के लिए सोल स्थित जापानी दूतावास के अधिकारियों को बुलाया।
विदेश मंत्रालय ने दूतावास के कार्यवाहक मंत्री योशियासु इसेकी को तलब कर औपचारिक विरोध पत्र सौंपा, जबकि रक्षा मंत्रालय ने दूतावास के रक्षा मामलों के अटैशे को बुलाकर आपत्ति दर्ज की।
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने जापान के फिर से दोक्दो पर क्षेत्रीय दावा करने और बच्चों के लिए जारी की गई डिफेंस व्हाइट पेपर की प्रति में भी उस दावे को दोहराने पर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।
बच्चों के लिए डिफेंस व्हाइट पेपर 2021 से केवल ऑनलाइन उपलब्ध था, लेकिन इस साल इसे एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया। इसे पहली बार प्राथमिक विद्यालयों में वितरित किया गया है।
जापान की कैबिनेट बैठक के बाद सरकार ने अपना डिफेंस व्हाइट पेपर जारी किया, जिसमें दोक्दो को जापानी नाम 'ताकेशिमा' से संबोधित करते हुए उसे जापान का हिस्सा बताया गया।
डिफेंस व्हाइट पेपर में बताया गया कि इन द्वीपों पर क्षेत्रीय विवाद अब भी अनसुलझा है। यह लगातार 21वां साल है जब इस आधिकारिक दस्तावेज में जापान ने दोक्दो पर अपना दावा जताया है।
दोक्दो लंबे समय से दक्षिण कोरिया और जापान के बीच तनाव का कारण बना हुआ है। टोक्यो लगातार अपने नीति दस्तावेजों, सार्वजनिक बयानों और स्कूल की किताबों में इन द्वीपों पर संप्रभुता का दावा करता रहा है।
वहीं, दक्षिण कोरिया इन द्वीपों पर एक छोटी पुलिस टुकड़ी की तैनाती करते हुए प्रभावी रूप से नियंत्रण बनाए हुए है।