क्या आडल योग का दुष्प्रभाव है? रविवार को इन उपायों से लाएं सकारात्मकता

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क्या आडल योग का दुष्प्रभाव है? रविवार को इन उपायों से लाएं सकारात्मकता

सारांश

आडल योग का प्रभाव और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में जानें। जानें कैसे रविवार को विशेष उपायों के जरिए सकारात्मकता को बढ़ाया जा सकता है। यह जानकारी आपके जीवन में सुख और समृद्धि लाने में सहायक हो सकती है।

Key Takeaways

  • रविवार को आडल योग का दुष्प्रभाव होता है।
  • सूर्य की पूजा से जीवन में सकारात्मकता आ सकती है।
  • व्रत और दान करने से सुख, समृद्धि प्राप्त होती है।
  • विशेष मंत्रों का जाप करने से लाभ होता है।
  • कुछ चीजों से बचना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि रविवार को है। इस दिन आडल योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सूर्य कर्क राशि में रहेंगे और चंद्रमा कुंभ राशि में विराजमान होंगे।

दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर के 12 बजे से शुरू होकर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर के 05 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। वहीं, प्रतिपदा तिथि का समय 9 अगस्त को 1 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 10 अगस्त 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगा, जिसके अनुसार प्रतिपदा तिथि रविवार को ही मनाई जाएगी।

आडल योग, ज्योतिष में एक अशुभ योग माना जाता है; इसका निर्माण नवरात्रि के पहले दिन साल 2022 में हुआ था। इसे शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता, साथ ही इस दिन शुभ कार्य भी वर्जित हैं। आडल योग का समय सुबह 5 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।

इस दिन रविवार भी पड़ रहा है। अग्नि और स्कंद पुराण में उल्लेख मिलता है कि रविवार के दिन व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। वहीं, इस व्रत की शुरुआत आप किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से शुरू कर सकते हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी माना जाता है जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर है।

व्रत शुरू करने के लिए आप रविवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। उसके बाद एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, फिर व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा, इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने और सूर्य देव के मंत्र "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है। इन उपायों को करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।

इस दिन एक समय बिना नमक का भोजन करें। रविवार के दिन काले या नीले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इस दिन मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, किसी का अपमान करना, बाल या दाढ़ी कटवाना, तेल मालिश करना और तांबे के बर्तन बेचना भी वर्जित माना गया है। व्रत का उद्यापन 12 व्रतों के बाद किया जाता है।

Point of View

NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

आडल योग क्या है?
आडल योग ज्योतिष में एक अशुभ योग माना जाता है, जो नवरात्रि के पहले दिन बना था।
रविवार को व्रत रखने से क्या लाभ होता है?
रविवार को व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आडल योग के समय क्या करें?
आडल योग के समय शुभ कार्यों से बचना चाहिए और विशेष उपायों को अपनाना चाहिए।
क्या रविवार को विशेष दान करना चाहिए?
जी हां, रविवार को गुड़ और तांबे का दान विशेष महत्व रखता है।
रविवार को किन चीजों से बचना चाहिए?
रविवार को मांस, मदिरा, झूठ बोलने और अपमान करने से बचना चाहिए।