क्या अधोमुख श्वानासन से मांसपेशियों को मजबूत और मन को शांत किया जा सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- अधोमुख श्वानासन से मांसपेशियों में मजबूती आती है।
- यह आसन मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है।
- यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
- पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करता है।
- सिरदर्द और थकान में राहत देता है।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अनियमित और भागदौड़ भरी दिनचर्या कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं को आमंत्रित करती है। लेकिन, योगासन और सही खानपान से शरीर के साथ-साथ मन को भी सुधारना संभव है।
कई आसन हैं, जिनके नियमित अभ्यास से न केवल शारीरिक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है बल्कि भविष्य में होने वाली समस्याओं को भी रोका जा सकता है। यह मानसिक मजबूती के लिए भी बेहद लाभकारी है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय ऐसे ही एक आसन को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देता है, जिसे अधोमुख श्वानासन कहा जाता है।
अधोमुख श्वानासन को डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज भी कहा जाता है, और यह एक आसान एवं प्रभावी योगासन है। इसे हिंदी में अधोमुख श्वान मुद्रा कहा जाता है। यह आसन सभी आयु वर्ग के लिए लाभकारी है।
अधोमुख श्वानासन शरीर के सभी अंगों को सक्रिय करता है और इसके नियमित अभ्यास से अद्भुत लाभ मिलते हैं। इसे करने की विधि सरल है; जमीन पर घुटनों और हथेलियों के बल बैठकर हाथों को कंधों के स्तर पर और घुटनों को कूल्हों के स्तर पर रखें। इस मुद्रा में 20 से 30 सेकंड तक रहना चाहिए।
इस आसन के नियमित अभ्यास से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह आसन कंधों, बाहों, पीठ, पेट और पैरों की सभी मांसपेशियों को एक साथ मजबूत बनाता है। इस मुद्रा के दौरान उल्टे ‘वी’ आकार के कारण सिर की ओर रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलती है और सिरदर्द, थकान जैसी समस्याएं समाप्त होती हैं। यह मन को शांत और एकाग्र रखता है, और तनाव, चिंता तथा अनिद्रा में यह आसन रामबाण साबित होता है।
जो लोग ऑफिस में घंटों लगातार बैठते हैं, उनके लिए भी यह आसन अत्यंत फायदेमंद है। इससे रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है, और लंबे समय तक बैठने से जकड़ी हुई कमर और पीठ को यह आराम देता है। इसके अलावा, यह पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है। पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालने से कब्ज और गैस की समस्या में राहत मिलती है।