क्या अमेठी में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है? 6 महीने में 18,907 लोगों पर किया हमला

सारांश
Key Takeaways
- आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है।
- जनवरी से जून तक 18,907 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हुए।
- एंटी-रेबीज इंजेक्शन की कमी चिंता का विषय है।
- स्थानीय लोगों की व्यथा प्रशासन तक नहीं पहुंची।
- समस्या का समाधान करने के लिए त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है।
अमेठी, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में चिलचिलाती गर्मी के दौरान आवारा कुत्तों का आतंक अब लोगों के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। शहरी गलियों से लेकर ग्रामीण पगडंडियों तक कुत्तों के झुंड राहगीरों पर हमला कर रहे हैं। जनवरी से जून के बीच 18,000 से अधिक 'डॉग बाइट' के मामले सामने आ चुके हैं, जो काफी चिंताजनक हैं। लोग प्रशासन की व्यवस्था से भी असंतुष्ट हैं।
जिला अस्पताल में हर दिन 8 से 10 लोग कुत्तों के काटने की शिकायत लेकर पहुंचते हैं। गर्मियों के बढ़ते तापमान के साथ इन कुत्तों का व्यवहार और भी आक्रामक हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह ने कहा कि 1 जनवरी से 30 जून तक जिले में 18,907 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हुए हैं। इस दौरान अस्पताल में 18,907 एंटी-रेबीज इंजेक्शन भी लगाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कुत्ते के काटने पर समय पर इंजेक्शन लगवाने से रेबीज से बचाव संभव है। जिला अस्पताल में एंटी-रेबीज इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था मौजूद है, लेकिन बढ़ते मामलों ने चिंता को और बढ़ा दिया है।
स्थानीय निवासी सतीश श्रीवास्तव ने कहा कि आवारा कुत्तों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। बच्चे, बुजुर्ग और राहगीर हर दिन इनके निशाने पर हैं। उन्होंने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि न तो गांवों में और न ही शहर में कुत्तों को पकड़ने की कोई प्रणाली है।
स्थानीय लोग नाराज भी हैं। उनका आरोप है कि बड़े शहरों में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए पशु नियंत्रण टीमें और स्टेरलाइजेशन कार्यक्रम हैं, लेकिन अमेठी में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दिखाई देती।
लोग अब प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि कुत्तों को पकड़ने और उनके टीकाकरण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। यह समस्या केवल अमेठी तक सीमित नहीं है, बल्कि कई छोटे शहरों और कस्बों में भी ऐसी ही स्थिति है।